कौन वीरेंद्र सिंह को बदनाम करने की कर रहा है साजिश, कौन तैयार करवा रहा जिला पंचायत के शिलान्यास पट्ट
जिला पंचायत के कार्य पर वीरेंद्र सिंह के नाम
शिलान्यास के बोर्ड की फोटो हो रही है वायरल
चंदौली लोकसभा क्षेत्र में तरह-तरह की हैं चर्चाएं
चंदौली जिले के नवनिर्वाचित लोकसभा सांसद वीरेंद्र सिंह का नाम जिला पंचायत के बोर्ड पर लिखे जाने से लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी है। साथ ही साथ इस बात की भी चर्चा हो रही है कि आखिर कौन ऐसे लोग हैं, जो नव निर्वाचित सांसद को खुश करने के लिए ऐसे कार्यों से भी उनका नाम जोड़ दे रहे हैं जो उनके कार्यकाल में हुए ही नहीं हैं। ऐसा करके एक और जहां वह मौजूदा संसद के पद की गरिमा से खिलवाड़ कर रहे हैं, वहीं उनके खिलाफ गैर कानूनी कार्य करने के लिए कार्यवाही भी हो सकती है।
आपको बता दें कि चंदौली जिले के समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित सांसद वीरेंद्र सिंह की शिलान्यास के शिलापट्ट की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर आजकल वायरल हो रही है, जिसमें उस कार्य के शिलान्यास के रूप में उनका नाम दिखाया जा रहा है, जिस समय वह सांसद निर्वाचित ही नहीं हुए थे।
बता दें कि पांचवे राज्य वित्त आयोग योजना 2022-23 के अंतर्गत विकासखंड चहानिया ग्राम सभा मटियरा में खरसरा माता के मंदिर के पास इंटरलॉकिंग के निर्माण का शिलान्यास का बोर्ड बना है। जिस पर माननीय वीरेन्द्र सिंह सांसद चंदौली की अध्यक्षता में, माननीय दीनानाथ शर्मा अध्यक्ष जिला पंचायत चंदौली एवं माननीय प्रभु नारायण सिंह यादव विधायक सकलडीहा एवं माननीय रविंद्र यादव जिला पंचायत सदस्य के गरिमा में उपस्थिति में शिलान्यास कार्यक्रम संपन्न हुआ बताया जा रहा है। वही अधिकारियों के नाम में सुभाष प्रसाद राम, अवर अभियंता, पुष्कर कुमार, अभियंता तथा अशोक कुमार मद्धेशिया अधीक्षक मुख्य अभियंता के नाम लिखा हुआ है। इसके आसपास कई बोर्ड रखे जाने से प्रतीत हो रहा है कि यह बोर्ड बनाने वाले कि यहां रखा हुआ है।
इतना ही नहीं जब इस बारे में गांव वालों से जानकारी लेने की कोशिश की गई तो पता चला कि इस बोर्ड के बारे में गांव इसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है।इस तरह के नाम लिखे शिलापट्ट की फोटो क्षेत्र में वायरल होने के कारण तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी हैं ।
वहीं भाजपा के लोगों का कहना है कि यह अपने सांसद को सपा के लोगों द्वारा सम्मान देने के बजाय उन्हें बदनाम किया जा रही है, जबकि 2022-23 के कार्यों की स्वीकृति या शिलान्यास कार्यक्रम में सांसद व भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय के हाथों हुआ होगा, लेकिन अपने नवनिर्वाचित सांसद के नजरों में अच्छा बनने के लिए इस तरह के बोर्ड निर्माता द्वारा बनाए जाने का निर्देश ठेकेदार या जिला पंचायत के लोगों द्वारा दिया गया है, जो कहीं ना कहीं एक बड़ा फर्जी बड़ा है और इसके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व सांसद से जुड़े लोग मुकदमा भी दर्ज करवा सकते हैं।
इस संबंध में जिला पंचायत के प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि जो भी नवनिर्वाचित सांसद वीरेंद्र सिंह के नाम से शिलान्यास का शिलापट्ट सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, उसका जिला पंचायत से कोई लेना देना नहीं है। जिला पंचायत की ओर से इस तरह का कोई भी बोर्ड नहीं बनवाया गया है।
यदि दुकानदार द्वारा इस तरह का फर्जी बोर्ड बनाकर रखा गया है, तो भी वह सरासर गलत है। यदि गलत बना है तो उसे इस तरह सार्वजनिक नहीं करना चाहिए।
यदि यह बोर्ड गलती से बना दिया गया है तो इसकी तस्वीर सोशल मीडिया में जारी नहीं की जानी चाहिए थी। यह किसी की छवि खराब करने के लिए की जा रही है। अगर इसमें जिला पंचायत के लोगों की मिली भगत है तो यह सच्चाई भी उजागर होनी चाहिए, क्योंकि जिला पंचायत में भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है और अगर कुछ अधिकारी और कर्मचारी समाजवादी पार्टी को खुश करने के लिए इस तरह के कार्य कर रहे हैं। ऐसे शातिर लोगों की पहचान करके उनके खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए।
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