जानिए कब आ सकता है नरायनपुर और भूपौली कैनाल में पानी, किसानों के नुकसान की किसी को परवाह नहीं
सिंचाई के अभाव में किसानों का हो रहा है नुकसान
सिंचाई विभाग को नहीं हैं गेहूं की फसल की परवाह
अभी नहरें में पानी आने में होगी 4-5 दिनों की देरी
चंदौली जनपद को कृषि प्रधान जनपद कहा जाता है यहां के लोगों की अधिकतर व्यवस्था कृषि आधारित ही है। इस बार के मौसम की बेरुखी के कारण जहां नमी के कमी कारण गेहूं के जमाव कम हुए है। वहीं किसानों का गेहूं 1 महीने से ऊपर का हो गया और उसे पानी की जरूरत है। लेकिन नहरों में पानी के लिए अभी किसानों को इंतजार करना पड़ेगा। सिंचाई विभाग को किसानों के नुकसान की परवाह नहीं है।
आपको बता दे की चंदौली जनपद को कृषि प्रधान जनपद कहा जाता है और यहां के लोगों की अधिकतर व्यवस्थाएं कृषि पर ही आधारित है। जहां धान की उपज में कमी होने के बाद नमी भागने के कारण किसानों ने जल्दीबाजी में गेहूं की फसल बो दी है। नमी कम होने के कारण गेहूं का जमाव भी कम हुआ है और उन फसलों को पानी की आवश्यकता है।
जिलाधिकारी के निर्देश के बावजूद भी जनवरी में भी 3 दिन का समय बीत गया है, लेकिन नहर में पानी किसानों को नहीं मिल रहा है। जहां नारायणपुर पंप कैनाल को चालू कर दिया गया है, लेकिन सकलडीहा, दरियापुर माइनर को पानी उससे अभी नहीं मिलेगा, क्योंकि सिंचाई विभाग अभी नहर में काम करवा रहा है। सिंचाई विभाग के जेई का कहना है कि अभी 4 से 5 दिन नहर के मरम्मत में समय लगेगा, उसके बाद नहर में पानी आएगा। जबकि भूपौली पंप कैनाल पर मथेला में फोरलेन सड़क का पुल बनाया जा रहा है। भूपौली नहर को चालू होने में भी दो से तीन दिन लगेगा।
इस बारे में भूपौली के एसडीओ अवनीश कुमार ने बताया की भूपौली पंप को हम 5 जनवरी से चलाएंगे। सड़क वालों से नहर से अवरोध हटाने को कह दिया गया है। अगर वे देरी करेंगे तो परेशानी बढ़ेगी।
अब देखना है कि फसलों को लेकर परेशान किसानों के फसलों को सिंचाई विभाग कब तक पानी मुहैया करता है या कोई और बहाना बनाकर मामले को टालता रहता है।
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