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नौगढ़ के 86 गांवों के 12 हजार घरों में रोज पहुंचेगा 115 एमएलडी पीने का पानी

अमृत योजना के फेस-टू के तहत ढाई सौ करोड़ की कार्ययोजना से नौगढ़ इलाके में पेयजल समस्या का समाधान होगा। इसके लिए नौ टंकियों का निर्माण कराया जा रहा है।
 

अमृत योजना के फेस-टू के तहत ढाई सौ करोड़ से दूर होगी वनांचल की पेयजल समस्या

नौ टंकियों का हो रहा निर्माण

मार्च तक काम पूरा करने का लक्ष्य

चंदौली जिले में अमृत योजना के फेस-टू के तहत ढाई सौ करोड़ की कार्ययोजना से नौगढ़ इलाके में पेयजल समस्या का समाधान होगा। इसके लिए नौ टंकियों का निर्माण कराया जा रहा है।

आपको बता दें कि वहीं, भैसोढ़ा बंधे के पानी को शुद्ध कर टंकियों तक पहुंचाने के लिए बॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम करीब 80 प्रतिशत पूरा हो गया है। यहां से 86 गांवों के 12,301 घरों में करीब 115 एमएलडी पानी प्रतिदिन पहुंचाया जाएगा। मार्च तक परियोजना पूरी करने का लक्ष्य निर्धारित है।

बताते चलें कि नौगढ़ इलाके के गांवों में शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए इंस्ट इंडिया कंपनी परियोजना को धरातल पर उतार रही है। हैंडपंपों और पहाड़ों से निकलने वाले जल स्रोतों पर इलाके के लोग आश्रित हैं। इनसे आर्सेनिकयुक्त और दूषित पानी ही आता है। गर्मी के मौसम में जलस्तर घटने से हैंडपंप पानी छोड़ देते हैं और प्राकृतिक जलस्रोत भी सूख जाते हैं। इससे ग्रामीणों पानी के लिए भटकना पड़ता है। इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए जल निगम (ग्रामीण) की ओर से तैयार की गई योजना पर दो साल से काम चल रहा है। 


इन गांवों में बनाई जा रहीं टंकियां

कार्यदाई संस्था अलग-अलग गांवों में टंकियों का निर्माण करा रही है। गंगापुर और सोनवार गांव में पांच-पांच सी लोटर, नौगढ़ और मझगाई में 350-350 लीटर, आमधा चरनपुर में 300 लीटर, शमशेरपुर में 250 लीटर, भैसोढ़ा में 175 लीटर, महिला में सी केएल व चिकनी गांव में 75 लीटर क्षमता की पानी की टंकियों का निर्माण किया जा रहा है। इस टंकियों से करीच नी सी किलोमीटर पाइप लाइन के जरिए घर-घर पानी पहुंचाया जाएगा।


वॉटर ट्रीटमेंट प्लान 

80 प्रतिशत कार्य पूरा योजना के तहत भैस्खेड़ा बांध के पानी को शुद्ध करने की योजना है। इसके लिए बांध में जमा पानी को तीन स्तर परः शुद्ध किया जाएगा। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, रॉ वाटर रिजवायर और फिल्टर प्लांट से पानी को साफ कर टैंकों में भेजा जाएगा। इन तीनों योजना के कार्य करीब 80 प्रतिशत पूरे कर लिए गए हैं।


अनुमति के अभाव में पाइप लाइन का काम रुका

वनक्षेत्र में भूमिगत पाइप लाइन बिछाने के लिए कार्यदाई संस्था को वनविभाग की अनुमति का इंतजार है। हालांकि अभी तक नौ सौ किलोमीटर में 225 किलोमीटर पाइप लाइन डाली जा चुकी है जबकि शेष में कार्य चल रहा है।

वहीं पाइप लाइन का करीब 450 किलोमीटर वनक्षेत्र में होने के कारण वन विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य है। अनुमति के लिए प्रयास किया जा रहा है।


इस संबंध में ईस्ट इंडिया कंपनी लिमिटेड के परियोजना अधिकारी यूएस दूबे ने बताया कि नौगढ़ में पेयजल योजना समय पर पूरी करने का प्रयास किया जा रहा है। वनक्षेत्र में पाइप लाइन बिछाने को लेकर एनओसी के लिए बन विभाग को पत्र भेजा गया है। एनओसी मिलने पर तेजी से काम पूरा कराकर जलापूर्ति शुरू कर दी जाएगी।

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