बनारस व मुगलसराय के बीच बिछेंगी दो नई रेल लाइनें, ट्रेनों की बढ़ेगी रफ्तार और बेहतर होगी कनेक्टिविटी
वाराणसी-DDU के बीच दोहरी रेल लाइन की तैयारी
1052 करोड़ की परियोजना को मिली मंजूरी
15.7 किलोमीटर का सफर होगा आसान
नई लाइन से एक्सप्रेस ट्रेनों की बढ़ेगी रफ्तार
पूर्वांचल और पूर्वी भारत की रेल कनेक्टिविटी को और सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। रेलवे अब वाराणसी कैंट स्टेशन (नॉर्दर्न रेलवे) और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (पूर्व मध्य रेलवे) के बीच डबल रेल लाइन बिछाने जा रहा है। करीब 15.7 किलोमीटर लंबी इस परियोजना के लिए रेलवे बोर्ड ने 1052 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। इंजीनियरों की टीमें तेजी से काम कर रही हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी एक-दो माह में इसका काम जमीन पर दिखने लगेगा।
रफ्तार को मिलेगी नई संजीवनी
वाराणसी कैंट और पीडीडीयू जंक्शन के बीच का सफर इस समय ट्रेनों के लिए सबसे बड़ा बाधक माना जाता है। इस मार्ग में कई कर्व, राजघाट का पुराना पुल और केवल दो ट्रैक होने के कारण ट्रेनें अक्सर धीमी हो जाती हैं। नतीजतन, कोलकाता, पटना और रांची जैसी जगहों से आने वाली एक्सप्रेस ट्रेनें भी यहां पहुंचकर रेंगने लगती हैं। लेकिन डबल लाइन बिछने के बाद ट्रेनें पूरी रफ्तार से चल पाएंगी और इस दूरी को सिर्फ 30 मिनट में तय किया जा सकेगा।
मालवीय पुल और नए ट्रैक से हटेगा बोझ
इस परियोजना के साथ-साथ वाराणसी में नया मालवीय पुल भी बनाया जा रहा है, जिसके लिए 1412 करोड़ रुपये का बजट जारी हो चुका है। नया पुल और नई रेल लाइनें मिलकर वाराणसी-डीडीयू सेक्शन की दशकों पुरानी समस्या को खत्म करेंगे।
बढ़ेगी आर्थिकी और ट्रेन संचालन की क्षमता
वाराणसी और मुगलसराय (पीडीडीयू) के बीच प्रतिदिन 300 से अधिक यात्री और मालगाड़ियां गुजरती हैं। दो लाइनों की वजह से अब तक यह संख्या एक बाधा बनी हुई थी। नई रेल लाइन बिछने से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) की मालगाड़ियां भी इस मार्ग से होकर तेज़ी से गुजर सकेंगी। इससे न केवल ट्रेन संचालन सुचारू होगा बल्कि रेलवे के राजस्व में भी इजाफा होगा। मालगाड़ियों के तेज आवागमन से औद्योगिक क्षेत्रों और व्यापारिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा।
यात्रियों को मिलेगा आरामदायक और सस्ता विकल्प
वर्तमान समय में वाराणसी और पीडीडीयू के बीच एक लाख से अधिक लोग प्रतिदिन सफर करते हैं। सड़क मार्ग से यह दूरी 40 मिनट में तय की जाती है, लेकिन ऑटो और अन्य वाहनों का किराया लगभग 50 रुपये बैठता है। वहीं ट्रेनें न केवल सस्ता और सुरक्षित विकल्प होंगी बल्कि समय की भी बचत करेंगी।
स्थानीय और एक्सप्रेस ट्रेनों को भी लाभ
नई डबल लाइन के बाद स्थानीय ट्रेनों की संख्या भी बढ़ाई जा सकेगी। इससे वाराणसी-डीडीयू के बीच प्रतिदिन आवाजाही करने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही लंबी दूरी की एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों की समयबद्धता में सुधार होगा।
रेलवे अधिकारियों का बयान
इस परियोजना पर जानकारी देते हुए अपर रेल मंडल प्रबंधक बृजेश यादव ने कहा कि वाराणसी-डीडीयू के बीच दो रेल लाइन बिछाने का काम जल्द शुरू होगा। इंजीनियर तेजी से काम कर रहे हैं। नई रेल लाइन तैयार होने के बाद ट्रेनों की समयबद्धता और क्षमता दोनों बढ़ जाएंगी।
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