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चंदौली जिले में धड़ल्ले से चल रही है पॉलिथीन, कई महीनों से ठप है इसका अभियान

पर्यावरण को नुकसान से बचाने के लिए एनजीटी (नेशनल ग्रीम ट्रिब्यूनल) ने 50 माइक्रॉन से कम की पॉलिथीन के इस्तेमाल पर रोक लगाई थी। इस पर शासन ने भी पॉलिथीन और थर्माकोल के उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी।
 

कब और कौन देख रहा है ये मामला

कई महीने से नहीं चला अभियान

धड़ल्ले से बिक रही हैं पॉलिथीन

बाजार से लोग सामान लेकर जा रहे घर

चंदौली जिले में केंद्र व प्रदेश सरकार के प्रयास के बाद भी प्रतिबंधित पॉलिथीन का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है। इस पर ध्यान देने वाले अधिकारी खामोश बैठे हैं। अभियान बंद होने से लोग भी अब घरों से बिना झोले के ही सामान लेने निकल जाया करते हैं।

आप जिले में देख रहे होंगे कि सामान खरीदने के लिए लोग भी बिना झोला और थैलों के घरों से निकल जा रहे हैं। अपने ग्राहकों की सहूलियत के लिए दुकानदार पॉलिथीन में सामान भरकर ग्राहकों को बेच रहे हैं। नगर पालिका की ओर से 5 महीने से इसे लेकर कोई अभियान भी नहीं चलाया गया है।

Abhiyan against Polythene

पर्यावरण को नुकसान से बचाने के लिए एनजीटी (नेशनल ग्रीम ट्रिब्यूनल) ने 50 माइक्रॉन से कम की पॉलिथीन के इस्तेमाल पर रोक लगाई थी। इस पर शासन ने भी पॉलिथीन और थर्माकोल के उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी। कुछ दिनों तक अधिकारियों ने कार्रवाई की, लेकिन बीतते वक्त के साथ कार्रवाई की धार कम हो गई जिससे जिले में धड़ल्ले से पॉलिथीन और थर्माकोल के उत्पादों की ब्रिकी जारी है।

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