अब सामूहिक इस्तीफा देंगे 57 बीडीसी, खारिज हो गया एक और अविश्वास प्रस्ताव

विपक्षी एकजुटता में प्रमुख ने लगायी सेंध
सपा विधायक की भूमिका भी संदेह के घेरे में
जानिए क्यों नहीं हिला पाए भाजपा के ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी
चंदौली जनपद के चहनिया ब्लॉक के भाजपा ब्लाक प्रमुख अरुण जायसवाल के खिलाफ विपक्षी क्षेत्र पंचायत सदस्यों द्वारा एकजुटता दिखाने के दावे के बावजूद भी ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी को नहीं हिला पाए। संख्या बल पर्याप्त नहीं होने के कारण अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया और 105 में से केवल 57 क्षेत्र पंचायत सदस्य उपस्थित हो पाए, जिसके कारण अविश्वास प्रस्ताव गिर गया।

कहा जा रहा है कि भाजपा के चहनिया ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी उनके द्वारा किए गए जुगाड़ से बच तो गयी है, लेकिन विपक्षी क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने सामूहिक रूप से उपस्थित अधिकारियों को इस्तीफा देने की भी पेशकश की, लेकिन उपजिलाधिकारी ने त्यागपत्र लेने से मना कर दिया और कहा कि आप लोग जिलाधिकारी को ही अपना त्यागपत्र दीजिएगा।

आपको बता दें कि चंदौली जनपद के चहनिया ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी को लेकर कई दिनों से जोरो पर चर्चा चल रही थी। उच्च न्यायालय के निर्देश पर बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही की गई, जिसमें 105 क्षेत्र पंचायत सदस्यों में से केवल 57 विपक्षी सदस्य ही विकास खंड कार्यालय में पहुंच पाए। शाम 4:00 बजे तक सभी संख्या बल का इंतजार किया गया, लेकिन 57 के आगे कोई भी बीडीसी नहीं आ पाया, जिसके कारण उपजिलाधिकारी कुंदन राज कपूर ने चुनाव अधिकारी होने के नाते इस अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया को खारिज कर दिया।
क्षेत्र पंचायत की नियमावली के अनुसार ब्लॉक प्रमुख को कुर्सी से हटाने के लिए कुल क्षेत्र पंचायत सदस्यों के दो तिहाई बहुमत होना आवश्यक था। इसलिए 105 सदस्यों में 70 सदस्यों को विपक्ष के रूप में मौजूद होना चाहिए, लेकिन केवल 57 सदस्य ही मौके पर मौजूद हो सके, जिसके कारण यह प्रक्रिया निरस्त कर दी गई।
सबसे बड़ी बात है कि क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने आरोप लगाया कि ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए सबका सपा विधायक प्रभु नारायण सिंह ने भी सहयोग किया था, लेकिन वोटिंग के लिए उन्होंने अपने भाई को विपक्षियों के साथ भेज दिया लेकिन अपने गुट के 14 बीडीसी सदस्यों को ब्लॉक में नहीं पहुंचा पाए, जिससे उनके ऊपर भी बीडीसी सदस्यों ने आरोप लगाया कि वह भी भाजपा के झांसे में आकर इस अविश्वास प्रस्ताव में ब्लॉक प्रमुख का मदद कर रहे हैं।
किसी भी ओर से सहयोग न मिलने के कारण सभी उपस्थित विपक्षी क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने अब सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की पेशकश किया है और गुरुवार को जिलाधिकारी को इस्तीफा देंगे, ताकि अगले चुनाव तक क्षेत्र पंचायत में कोई काम न हो सके। अगर कुल क्षेत्र पंचायत सदस्यों में आधे से अधिक सदस्य इस्तीफा दे देते हैं तो ब्लॉक प्रमुख के किसी भी प्रस्ताव पर मुहर नहीं लग पाएगी और बाकी कार्यकाल ब्लॉक प्रमुख पद पर रहते हुए भी कोई कार्य नहीं कर पाएंगे।
इस संबंध में अविश्वास प्रस्ताव का कार्य देखने वाले उप जिलाधिकारी कुंदन राज कपूर ने कोई भी जानकारी देने से कतराते रहे और केवल नियमानुसार प्रक्रिया होने की बात दोहराते रहे, ताकि वह किसी भी संकट में खुद न फंस जाएं। अंत में वह केवल इतना बोले कि सभी प्रक्रिया नियम के अनुसार की गई है, जिसकी जानकारी बाद में दी जाएगी।
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