चंदौली इन गांवों में नहीं हो पा रही है फार्मर रजिस्ट्री, चकबंदी वाले गांवों के किसानों की रजिस्ट्री अटकी
चंदौली में फार्मर रजिस्ट्री का काम धीमी गति से जारी
2.56 लाख किसानों में अब तक केवल 1.40 लाख की रजिस्ट्री बनी
चकबंदी वाले गांवों के किसानों की रजिस्ट्री अटकी हुई
चंदौली जिले में फार्मर रजिस्ट्री का काम शुरू होने के लगभग 11 महीने बाद भी पूरी गति नहीं पकड़ पा रहा है। 18 नवंबर 2024 से आरंभ हुई फार्मर रजिस्ट्री के तहत 2.56990 लाख किसानों की रजिस्ट्री बननी है, लेकिन अब तक केवल 1,40,292 किसानों की ही रजिस्ट्री तैयार हो पाई है। इस वजह से किसानों में नाराज़गी व्याप्त है।
आपको बता दें कि विशेष समस्या चकबंदी वाले गांवों के किसानों के सामने है। चकबंदी में शामिल गांवों के भूमि रिकॉर्ड को राजस्व परिषद ने फार्मर रजिस्ट्री बकेट में शामिल नहीं किया है। इससे इन गांवों के किसानों की रजिस्ट्री नहीं बन पा रही है। जिले में चकबंदी वाले ऐसे गांवों की संख्या 30 से अधिक है।
बताते चलें कि शासन ने एग्रीस्टैक (Digital Public Infrastructure for Agriculture) के तहत सभी किसानों की रजिस्ट्री बनाने का निर्देश दिया है। इसके लिए न्याय पंचायतवार कृषि और राजस्व विभाग के कर्मचारियों की तैनाती की गई है। लेकिन कर्मचारियों की उदासीनता, पोर्टल न चलाने का बहाना और शिविरों में केवल कोरम पूर्ति से काम करने के कारण फार्मर रजिस्ट्री का काम धीमा पड़ा है।
किसानों को रजिस्ट्री के लिए जन सेवा केंद्रों का सहारा लेना पड़ रहा है, लेकिन वहां भीड़ अधिक होने और कर्मचारियों की धीमी प्रक्रिया के कारण किसानों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है। इसके अलावा जिन किसानों का नाम खतौनी के मूल खाते में नहीं है, उनकी भी फार्मर रजिस्ट्री नहीं बन पा रही है। प्रशासन की ओर से बार-बार निर्देश देने के बावजूद कार्य में गति नहीं आई है।
जिला प्रशासन का कहना है कि फार्मर रजिस्ट्री का काम प्राथमिकता पर चल रहा है, लेकिन तकनीकी और प्रशासनिक अड़चनों के कारण 100 प्रतिशत लक्ष्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। किसानों की सुविधा और रिकॉर्ड अपडेट करने के लिए अधिकारियों को और सक्रिय होने की आवश्यकता है।
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