वाह रे जिला अस्पताल की व्यवस्था : स्टोर में 15 दिनों से गैस व एंटीबायोटिक दवाएं नहीं

मानसिक रोगियों की दवाओं का बुरा हाल
1200 की ओपीडी में हर चौथे मरीज को लिखी जाती हैं ये दवाएं
जन औषधि केंद्र पर भी बढ़ी भीड़
चंदौली पं. कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला चिकित्सालय में पिछले 15 दिनों से गैस और एंटीबायोटिक दवाएं नदारद हैं। हालत यह है कि प्रतिदिन अस्पताल की ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले करीब 1200 मरीजों में से हर चौथे मरीज को इन दवाओं की जरूरत पड़ती है, लेकिन अस्पताल के औषधि भंडार में उपलब्धता न होने से मरीजों और तीमारदारों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं।

स्थिति इतनी गंभीर है कि मानसिक रोगों के मरीजों को भी बीते एक महीने से अस्पताल से दवाएं नहीं मिल रही हैं। रिस्पेरिडोन, यूटिया पाइन, एसिकलोप्राइम और क्लोनाजीपाम जैसी अहम दवाएं औषधि भंडार से पूरी तरह नदारद हैं। इससे मरीजों को मजबूरी में महंगी दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं, जिससे उनकी जेब पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है।
डॉक्टर मरीजों को दवाएं लिख रहे हैं, लेकिन औषधि केंद्र खाली पड़ा है। गैस की रेनिटीडिन, पैंटॉप इंजेक्शन, अजिथ्रोमाइसिन, एमोक्सिसिलिन और सिट्रिजिन जैसी आम दवाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। परिणामस्वरूप मरीजों को अस्पताल परिसर में स्थित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की ओर रुख करना पड़ रहा है, जहां अब भारी भीड़ लगने लगी है।

इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अमित कुमार सिंह ने बताया जिला अस्पताल के लिए सभी जरूरी दवाएं खरीदी गई हैं, और कई दवाओं की मांग शासन को भेजी गई है। जल्द ही दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
फिलहाल मरीजों को तत्काल राहत मिलने की कोई ठोस व्यवस्था नजर नहीं आ रही है। शासन और स्वास्थ्य विभाग को इस दिशा में त्वरित कदम उठाने की आवश्यकता है।
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