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स्कूलों में शारीरिक व मानसिक दंड पर रोक, टोल फ्री नंबर पर कर सकते हैं शिकायत ​​​​​​​

स्कूलों में नौनिहाल को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित न किया जा सके, इसके लिए शासन ने नई पहल शुरू की है। परिषदीय व निजी विद्यालयों में शिक्षक अब छात्र छात्राओं को पिटाई या दंड नहीं
 

शिक्षक बच्चों को नहीं कर पाएंगे प्रताड़ित

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण के फरमान पर फैसला

 बच्चों को शारीरिक व मानसिक दंड देने पर रोक

 न मानने वाले शिक्षकों के विरुद्ध होगी कार्रवाई

 

चंदौली जिले में स्कूलों में नौनिहाल को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित न किया जा सके, इसके लिए शासन ने नई पहल शुरू की है। परिषदीय व निजी विद्यालयों में शिक्षक अब छात्र छात्राओं को पिटाई या दंड नहीं दे सकेंगे। यदि शिक्षक बच्चों के साथ ऐसा करते हैं तो अभिभावक टोल फ्री नंबर पर इसकी शिकायत कर सकेंगे। दोषी मिलने पर संबंधित शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई होगी। 


बताया जा रहा है कि इस संबंध में शासन की ओर से बीएसए को ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए निर्देश जारी किया गया है। वहीं, टोल फ्री नंबर को स्कूल के नोटिस बोर्ड पर लिखने के भी निर्देश दिए गए हैं।


टोल फ्री नंबर जारी


 जनपद में 2,122 सरकारी व प्राइवेट स्कूल संचालित हैं। इनमें 1,185 परिषदीय विद्यालय भी हैं। इन स्कूलों चार लाख 67 हजार 123 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों, अभिभावकों व जन सामान्य से जुड़ी शिकायतों के लिए शासन की ओर से जारी किए गए टोल फ्री नंबर 18008893277 को सभी स्कूलों के नोटिस बोर्ड या मुख्य गेट पर स्थायी तौर पर अंकित कराया जाएगा। इस पर आने वाली शिकायतों की प्रदेश स्तर से निगरानी की जाएगी। शासन ने स्कूली बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित रखने व उनको इस बारे में जागरूक करने के निर्देश जारी किए हैं।


शिक्षकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण


शासन से जारी निर्देशों के तहत शिक्षकों को शारीरिक दंड की परिभाषा, शिक्षा के अधिकार अधिनियम में निर्धारित नियमों की जानकारी भी दी जाएगी। शारीरिक उत्पीड़न, भावनात्मक उत्पीड़न, सामाजिक उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न और लैंगिक अपराध शामिल हैं।

इस संबंध में जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण के तहत यह कदम उठाया है। स्कूलों में किसी भी स्थिति में बच्चों को शारीरिक व मानसिक दंड नहीं दिया जाएगा। स्कूलों के प्रबंध तंत्र व सरकारी स्कूलों से जुड़ी समीक्षा बैठकों में सभी बिंदुओं से अवगत कराने के साथ अमल में भी लाया जाएगा। बीएसए को पत्र जारी कर शासन के निर्देशों का अनुपालन कराने का निर्देश दिया गया है।

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