जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

पशु अस्पताल का शुभारंभ करवा कर सो गए मंत्री-विधायक, नहीं हो पायी स्टाफ की तैनाती

रामेश्वर यादव का कहना है कि पशु चिकित्सालय का निर्माण हुआ तो उम्मीद जगी थी कि अब पशुओं के उपचार में दिक्कत नहीं आएगी, लेकिन उम्मीद पर पानी फिर गया।
 

2 साल पहले ही हो गया था उद्घाटन

कुछ दिन हुआ पशुओं का इलाज करके बंद करा दिया काम

परमानेंट स्टाफ के अभाव में बंद रहता है पशु अस्पताल

चंदौली जिले में योजनाओं का लाभ देने के लिए भले ही नेता और अधिकारी जल्दी-जल्दी प्रोजेक्ट और निर्माण कार्यों का शुभारंभ कर देते हैं, लेकिन उनकी सुविधाओं का लाभ मिलना शुरू नहीं होता है। इससे योगी सरकार की नीति फेल होती नजर आती है। कुछ ऐसा ही हर जनपद चंदौली में 2 साल पहले किए गए पशु अस्पताल का है। इसका उद्घाटन 2 साल पहले उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री द्वारा कर दिया गया, लेकिन स्टाफ की तैनाती न होने से वहां आज भी सुविधाओं का अभाव है और पशुओं का इलाज करने के लिए लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ता है।

जिले की चर्चित सैयदराजा विधानसभा के माधोपुर गांव में पशुओं के इलाज को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अवमुक्त धन से पशु चिकित्सालय का निर्माण कराया गया। जिसका उद्घाटन भी दो वर्ष पूर्व प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री द्वारा किया गया। इसके बाद कुछ दिन पशुओं का इलाज चिकित्सकों द्वारा किया गया, लेकिन आज तक यहां स्थाई चिकित्सक की तैनाती नहीं किए जाने से ग्रामीणों के पशुओं का इलाज सही तरीके से नहीं किया जा रहा जिससे पशु पालक काफी परेशान रहते हैं।

इस चिकित्सालय के बनने से महुरा, करकरा, मणिपटती, पपरोला, डवरिया, गुरैनी, पांडेयपुर, एवती, रामरूपदासपुर, सिसौदा, वीरासराय, महंजी सहित अन्य गांव के पशुपालकों के पशुओं को सही इलाज मिलने की स्थिति बनी, लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते आज तक पशुओं का इलाज नहीं हो पा रहा। इलाज के अभाव में पशु दम तोड़ देते है।

बताया जा रहा है कि उक्त चिकित्सालय के लिए 67 लाख से ज्यादा धन अवमुक्त हुआ था, जिसका निर्माण फैक्स फेड कंपनी द्वारा कराया गया है। रामेश्वर यादव का कहना है कि पशु चिकित्सालय का निर्माण हुआ तो उम्मीद जगी थी कि अब पशुओं के उपचार में दिक्कत नहीं आएगी, लेकिन उम्मीद पर पानी फिर गया।

अजीत सिंह ने कहा कि किसानों की समस्या पर प्रदेश सरकार ध्यान नहीं दे रही, अन्यथा किसान परेशान नहीं होते। किसान के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। चिकित्सालय तो बन गया, लेकिन यहां पद स्वीकृत नहीं हुआ है। इसकी वजह से यहां किसी की स्थाई नियुक्ति नहीं हो सकती है।

इस सम्बंध में मुख्य पशु चिकित्सक डा. योगेश कुमार मौर्य ने बताया कि धानापुर के चिकित्सक से पशुपालक को दो दिन बुधवार व शुक्रवार को भेजकर इलाज की व्यवस्था करवाता हूं। शासन को पत्र लिखा गया है। स्वीकृति के बाद चिकित्सक तैनात कर दिया जाएगा।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*