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घरौनी के मामलों में लेटलतीफी पर सरकार नाराज, चंदौली सहित कई जिलों का काम फिसड्डी

प्रदेश में उद्योगों के लिए भू उपयोग परिवर्तन, पैमाइश और घरौनी के मामलों में लेटलतीफी पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। राजस्व परिषद के चेयरमैन डॉ. रजनीश दुबे ने इन मामलों में 124 राजस्व अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
 

भू-उपयोग परिवर्तन का मामला

पैमाइश और घरौनी के मामलों में शुरू हुयी कार्रवाई

124 राजस्व अफसरों को जारी हुआ कारण बताओ नोटिस

प्रदेश में उद्योगों के लिए भू उपयोग परिवर्तन, पैमाइश और घरौनी के मामलों में लेटलतीफी पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। राजस्व परिषद के चेयरमैन डॉ. रजनीश दुबे ने इन मामलों में 124 राजस्व अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

डॉ. रजनीश दुबे ने राजस्व परिषद स्थित सभागार में 36 जिलों के अपर जिलाधिकारियों व मुख्य राजस्व अधिकारियों के साथ कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने 30 जून तक ई-खतौनी (रियल टाइम खतौनी) को पूरा करने के निर्देश दिए। 

उन्होंने औद्योगिक निवेश के मद्देनजर विभिन्न जिलों में पेंडिंग लैंड यूज परिवर्तन के मामलों पर नाराजगी जताई। इन मामलों को 30 जून तक निस्तारित करने के निर्देश दिए। पैमाइश के मामलों को भी कोर्ट लगाकर अभियान के तहत निपटाने के लिए कहा गया है। इसके अलावा प्रदेश में क्षतिग्रस्त करीब ढाई लाख सीमा स्तंभों को दुबारा स्थापित करने का काम एक महीने में पूरा करने के निर्देश दिए।

रियल टाइम खतौनी में असंतोषजनक कार्य के चलते 62 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। राजस्व वादों के निस्तारण में देरी पर लापरवाही बरतने वाले सी श्रेणी के 26 अपर जिलाधिकारियों, 7 उप जिलाधिकारियों, 7 तहसीलदारों और 9 नायब तहसीलदारों से भी जवाब तलब किया गया है।

आपको बता दें कि राजस्व परिषद के अध्यक्ष रजनीश दुबे ने जब समीक्षा की तो वाराणसी चंदौली और जौनपुर में 13 जिले की घरौनी की कार्यवाही काफी पीछे चल रही थी। जानकारी में पता चला है कि वाराणसी, सहारनपुर, पीलीभीत, श्रावस्ती, अयोध्या, कानपुर नगर, फिरोजाबाद, आगरा, औरैया, सुल्तानपुर, जौनपुर, चंदौली, गोंडा जिले में स्वामित्व योजना की स्थिति काफी खराब पाई गई है। इसलिए जिले के संबंधित अधिकारियों और नोडल अपर जिला अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला किया गया है।

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