जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

DM ने बतायी थी फैक्ट्री में छापे के लिए टीम, अधिकारियों ने 12 कंपनियों पर मारा छापा

छापे के दौरान कुल 12 औद्योगिक इकाईयों एवं उनके गोदामों का गहन निरीक्षण किया गया। परीक्षण हेतु टेक्निकल ग्रेड यूरिया का 1 नमूना ग्रहीत किया गया।
 

फैक्ट्री में मिलती रहती है यूरिया के उपयोग की शिकायत

12 औद्योगिक इकाईयों एवं उनके गोदामों पर छापा

संयुक्त टीम ने छापेमारी करके लिया सैंपल

लैब में होगी सैंपल की जांच

चंदौली जिले की सीमा के अंदर संचालित हो रही तमाम औद्योगिक संस्थाओं और इकाइयों की जांच करके यूरिया के दुरुपयोग की अशंकाओं का पता लगाने की कोशिश की गयी। इस दौरान 12 औद्योगिक इकाईयों एवं उनके गोदामों का गहन निरीक्षण किया गया। साथ ही साथ जांच के बाद संदेह के अनुसार परीक्षण हेतु टेक्निकल ग्रेड यूरिया का 1 नमूना इकट्ठा करके जांच के लिए भेजा गया। 

 12 Factories

बताया जा रहा है कि सरकार के प्रमुख सचिव, कृषि विभाग के निर्देश पर जनपद में स्थापित औद्योगिक संस्थाओं की जांच की गयी। इस दौरान कैटल फीड, कुक्कुट फीड, साबुन, पेंट, बार्निस, मुद्रण स्याही, लिबास चादरें, प्लाईवुड, लेमिन बोर्ड, पार्टीकल बोर्ड के निर्माण में प्रयोग किये जा रहे अनुदानित यूरिया की जांच कर अनुदानित यूरिया के प्रयोग किये जाने पर सम्बन्धित फर्मों पर वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करने की कोशिश की गयी। 

 12 Factories

बताया जा रहा है कि इसके लिए  दिनांक-9 जून 2025 को जिलाधिकारी चन्द्र मोहन गर्ग के आदेश के बाद उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी एवं उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी तथा उपायुक्त उद्योग के साथ टीम बनाकर एक संयुक्त छापे की कार्यवाही की गयी। छापे के दौरान कुल 12 औद्योगिक इकाईयों एवं उनके गोदामों का गहन निरीक्षण किया गया। परीक्षण हेतु टेक्निकल ग्रेड यूरिया का 1 नमूना ग्रहीत किया गया। जनपद चन्दौली में औद्योगिक इकाईयों पर कर अनुदानित यूरिया का उपयोग जनपद के उत्पादों के विर्निमाण में किया जाना नही पाया गया।

 12 Factories

जनपद के समस्त औद्योगिक संस्था जैसे-कैटल फीड, कुक्कुट फीड, साबुन पेंट, बार्निस, मुद्रण स्याही, लिबास चादरें, प्लाईवुड, लेमिन बोर्ड, पार्टीकल बोर्ड के निर्माण के प्रोपराइटर को निर्देशित किया जाता है कि जिन भी उत्पाद में यूरिया का प्रयोग किया जाता है, उसमें अनुदानित यूरिया का प्रयोग कदापि न करें। अन्यथा निरीक्षण व परीक्षण में यह पाया जाता है कि आप द्वारा अनुदानित यूरिया का प्रयोग किया जा रहा है तो नियमानुसार उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 के सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। 

कहा जा रहा है कि जिले में अवैध रूप से उर्वरकों की कालाबाजारी करने वाले विक्रेताओं के विरूद्ध यह अभियान निरंतर चलता रहेगा। वर्तमान समय में जनपद में समस्त उर्वरक उपलब्ध है। जनपद के प्रत्येक क्षेत्र में उर्वरक की कोई कमी नहीं है। साथ ही साथ किसानों को खेती के लिए हमेशा उपलब्ध रहेगी।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*