50 लाख की लागत से 10 छोटी फैक्ट्री लगाने का मौका, ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम उद्योग लगाने पर मिलेगी छूट
ग्रामीण इलाकों में यूनिट लगाने पर वित्त पोषण की मिलेगी सुविधा
ग्रामीणों को स्वरोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाने का है उद्देश्य
ग्राम उद्योग विभाग बैंकों की ओर से उपलब्ध कराता है ऋण
चंदौली जिले में मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। चालू वित्तीय वर्ष में 50 लाख की लागत से दस लघु औद्योगिक इकाई की स्थापना होगी। इसके लिए ग्रामोद्योग विभाग में 13 आवेदन आए हैं। पांच इकाइयों की स्थापना की प्रक्रिया पूरी हो गई है। इसमें दो इकाइयों को विभाग की ओर से दस लाख रुपये की धनराशि बैंक से ऋण के रूप में दिलाई जा चुकी है।
विभाग के अनुसार, सभी 13 औद्योगिक इकाई के लिए वित्त पोषण की व्यवस्था कराने का प्रयास होगा। इन इकाइयों की स्थापना से लगभग 300 लोगों को गांव में ही रोजगार मिलेगा और वह स्वावलंबी होंगे। ग्रामीणों को स्वरोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग योजना संचालित की गई है।
इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवसाय या ग्रामोद्योग की इकाई लगाने पर शासन वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करता है। इकाइयों को पांच से दस लाख तक बैंकों से वित्त पोषण किया जाता है। बैंकों की ओर से इकाई को दिए गए ऋण पर सामान्य वर्ग के उद्यमी को चार प्रतिशत ब्याज देना होता है, जबकि एससी, एसटी, ओबीसी और लिए महिला अभ्यर्थियों को ब्याज से मुक्त के रखा गया है। ग्रामोद्योग योजना के कर तहत व्यवसाय और उद्योग लगाने के लिए लोगों ने आवेदन किया है। इन उद्योगों की होगी स्थापनाः तेल मिल, फ्लोर मिल, बेकरी उद्योग, हथकरघा, हस्त शिल्प, इलेक्ट्रीशियन उद्योग समेत अन्य व्यवसाय व ग्रामोद्योग शामिल हैं।
विभाग को मिले आवेदन का सत्यापन करके वित्त पोषण के लिए बैंकों को भेज दिया गया है। वित्त पोषण के बाद इकाइयां लगाई जाएंगी।
इस संबंध में जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी गिरिजा प्रसाद यादव ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए जनपद को 50 लाख के वित्त पोषण से दस इकाई लगाने का लक्ष्य मिला है। इसके लिए कई आवेदन आए हैं। 13 आवेदन 65 लाख के वित्त पोषण के लिए मिले हैं। आवेदनों का सत्यापन कर वित्त पोषण के लिए बैंकों को भेजा गया है। वित्त पोषण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इकाई लगाया जाएगा।
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