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चंदौली जिले में टांय-टांय फिस्स हो गयी एकमुश्त समाधान योजना, लक्ष्य और वसूली में बहुत बड़ा गैप, इसलिए उम्मीद से कम मिली सफलता

वसूली लक्ष्य पूरा करने के लिए विद्युत निगम की ओर ओटीएस की अवधि बढ़ाकर 28 फरवरी कर दी गई थी, हालांकि इसमें मिलने वाली छूट के प्रतिशत को घटा दिया था।
 

बिजली विभाग को राजस्व वसूली में लगा है बड़ा झटका

विभाग ने दिया 433 करोड़ का टारेगट

हीलाहवाली स्टाइल में हो सकी केवल  31.23 करोड़ की वसूली

2.15 लाख बकायेदारों में सिर्फ 49,380 ने उठाया लाभ

जानिए अब क्या करेगा बिजली विभाग

चंदौली जिले में विद्युत निगम की ओर से उपभोक्ताओं को बकाए बिल के अधिभार में छूट देने के चार चरणों में चलाई गई एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) की अंतिम तिथि 28 फरवरी को समाप्त हो गई। इस दौरान करीब 2.15 लाख बकायेदारों में से 49380 उपभोक्ताओं ने ही योजना का लाभ लिया है। इन उपभोक्ताओं ने 31.23 करोड़ रुपये ही जमा किए हैं, जबकि निगम का लक्ष्य 433 करोड़ रुपये जमा कराने का था। बचे उपभोक्ताओं से बिजली का बिल जमा कराने के लिए विभाग जल्दी ही अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है।

आपको बता दें कि बीते 15 फरवरी तक चलाए गए तीसरे चरण के अभियान के दौरान 45 हजार उपभोक्ताओं ने लाभ उठाया था। इन उपभोक्ताओं ने 27 करोड़ 62 लाख रुपये जमा किए थे। वसूली लक्ष्य पूरा करने के लिए विद्युत निगम की ओर ओटीएस की अवधि बढ़ाकर 28 फरवरी कर दी गई थी, हालांकि इसमें मिलने वाली छूट के प्रतिशत को घटा दिया था।

जिले में विद्युत निगम के तीन डिवीजन हैं। योजना की समाप्ति तक चंदौली डिवीजन में 22761 उपभोक्ताओं ने 12.99 करोड़, सकलडीहा डिवीजन में 17175 उपभोक्ताओं ने 15.84 करोड़ और मुगलसराय डिवीजन में 9444 उपभोक्ताओं ने 12.40 करोड़ रुपये जमा किए हैं।

शासन के निर्देश पर विद्युत निगम की ओर से जिले में एक से 31 जनवरी तक एकमुश्त समाधान का दूसरा चरण चलाया गया था। एक माह तक चले अभियान के दौरान करीब 40 हजार लोगों ने ही योजना के लाभ के लिए आवेदन किया था। दूसरे चरण में भी करीब 18 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने ही ओटीएस का लाभ उठाया। वहीं एक से 15 फरवरी तक चले तीसरे चरण में भी वसूली संतोषजनक नहीं रही। योजना का लाभ उठाने के लिए निगम के कर्मचारियों ने व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया लेकिन अपेक्षित राजस्व वसूली नहीं हो सकी है।

इस संबंध में अधीक्षण अभियंता मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि योजना का लाभ सभी बकायेदार उपभोक्ताओं ने नहीं उठाया है। अब शासन के निर्देश पर योजना बंद कर दी गई है। उपभोक्ताओं को योजना के तहत ब्याज में मिल रही छूट का लाभ नहीं मिल सकेगा। उन्हें बिजली का पूरा बकाया बिल जमा करना होगा। बिल की वसूली के लिए जिले में जल्दी ही जांच अभियान चलाया जाएगा। इसमें बड़े बकायेदारों के कनेक्शन काटने के अलावा उन पर प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाएगी।

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