खनन विभाग को चकमा दे कर बगैर ISTP के पार हो जाते हैं ओवरलोड वाहन, सारे प्रयासों पर फेर रहे पानी
ओवरलोड, फर्जी दस्तावेज वाली गाड़ियों पर नकेल कसने के प्रयास
स्कैनर व सीसीटीवी कैमरा लगाकर पकड़ने की करते हैं कोशिश
नई व्यवस्था से भी बचने का बालू कारोबारियों ने खोजी तरकीब
चंदौली जिले में ओवरलोड, फर्जी दस्तावेज - वाले गाड़ियों पर नकेल कसने के लिए नौबतपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर खनन विभाग द्वारा स्कैनर के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए दिए हैं जिससे यदि कोई वाहन बिना कागजात लिए किसी दूसरे राज्य से यूपी में प्रवेश करता है तो स्वतः उसका चालान कट जाएगा। साथ ही इसकी सूचना जिला खनन विभाग के साथ निदेशालय तक पहुंच जाएगी, लेकिन बालू कारोबारी इससे बचने का उपाय भी निकाल लिए है और रोजाना सरकार को लाखों का राजस्व चपत लगा रहे हैं।
आपको बता दें कि दरअसल बिहार समेत दूसरे राज्यों से खनिज उत्पाद यूपी लाने के लिए इंटर स्टेट ट्रांजिट पास (आइएसटीपी) की जरूरत होती है। पास जारी करने के लिए चालकों को 100 रुपया घन मीटर के हिसाब से आनलाइन - भुगतान कराना पड़ता है। यह पास केवल ओवरलोड वाहनों को ही जारी होते हैं। यदि जिन वाहनों का पास जारी नहीं होता तो स्कैनर स्वतः इनका चालान काट कार खनन विभाग को सूचित कर देता है।
सूत्र बताते हैं कि बालू व्यवसायी इससे बचने के लिए वाहनों के नंबर प्लेट ही हटा देते हैं या लेट पर कालिख या मिट्टी पोत देते हैं जिससे नंबर स्कैन न हो सके। साथ ही खनन अधिकारी का लोकेशन लेकर वाहनों को पार कराने के लिए जगह जगह लोग खड़े रहते हैं। जिससे आसानी से बालू लदे वाहनों को पार कराया जा सके। लाख प्रतिबंध के बाद भी वाहन स्वामी बालू लदे वाहन बिना आईएसटीपी के यूपी में धड़ल्ले से प्रवेश कर रहे हैं। जिससे सरकार को रोजाना लाखों की राजस्व की क्षति हो रही है। समय- समय पर खनन विभाग की तरफ से कार्यवाही भी की जाती है, लेकिन अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक कर वाहन स्वामी चुपके से यूपी में प्रवेश कर जाते हैं।
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