हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा, न्यायालय से आया आदेश
पंकज पांडेय को हत्या के मामले में आजीवन कारावास
रामनगीना पांडेय की हुयी थी हत्या
सितंबर 2010 की घटना में मिली सजा
चंदौली जिला एवं सत्र न्यायालय में शुक्रवार को हत्या के मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान दोष सिद्ध होने पर दोषी पंकज पांडेय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं 33 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड अदा न करने पर 2 साल 3 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
अभियोजन की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी डा. शशि शंकर सिंह और संजय कुमार त्रिपाठी ने किया। उन्होंने बताया कि कंदवा थाना क्षेत्र के अदसड़ निवासी कमला पांडेय ने 22 सितंबर 2010 को थाने में इस आशय की तहरीर दी गई कि बड़े भाई 70 वर्षीय रामनगीना पांडेय अविवाहित थे। वह पूजा-पाठ करते थे। प्रतिदिन की भांति वह खाना खाकर रात में गांव के बाहर काली मंदिर के पास अपने चेम्बर में सोने चले गए। सुबह रामनिवास माली देवी मंदिर में फूल तोड़ने गया तो चोटिल हालत में उनकी लाश देखी। इसपर माली ने आवाज देकर बुलाया तो वहां पहुंचा। उनके सिर में काफी चोट लगने से खून बह रहा था। उनकी मौत हो चुकी थी।
इस मामले में पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध धारा 302, 435 भादवि में मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी। घटना में पुलिस ने अदसड निवासी हाल पता गाजीपुर जिले के जमानियां थाने के बेरुईन निवासी पंकज पांडेय को अपराध कारित किया जाना पाया। इसपर इस दौरान अभियुक्त पंकज पांडेय को 21 नवंबर 2010 को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।
वहीं चिह्नित अपराधों में दोषी अभियुक्तों के विरुद्ध अधिकतम व त्वरित दंडात्मक कार्रवाई के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान आपरेशन कन्विक्शन के तहत पंजीकृत अभियोग में स्थानीय पुलिस, मानिटरिंग सेल व विशेष लोक अभियोजन विभाग से समंवय करके समयबद्ध रूप से साक्षियों का साक्ष्य कराकर न्यायालय में प्रभावी पैरवी किया।
शुक्रवार को जिला सत्र न्यायालय में सुनवाई के दौरान दोष सिद्ध होने पर दोषी पंकज पांडेय को आजीवन कारावास की सजा का फैसला सुनाया गया।
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