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स्कूली संचालक कर लें अपनी गाड़ियों की फिटनेस जांच, शुरू होने जा रही है कार्रवाई

स्कूली वाहन के लिए मानक पूरा करने को कौन कहे इन वाहनों में आग बुझाने व प्राथमिक उपचार की कोई व्यवस्था नहीं रहती। कई वाहनों में तो स्कूल प्रबंधक व प्रधानाचार्य का नंबर भी नहीं लिखा होता और महिला सहायक तो किसी स्कूल बस में दिखाई नहीं देती।
 

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83 अनफिट  स्कूली वाहनों के लाइसेंस होंगे कैंसिल

ये हैं गाड़ियों के संचालन के तौर तरीके


चंदौली जिले के 83स्कूली वाहन अनफिट होने व फिटनेस के लिए नोटिस देने के बाद भी अनजान बने बैठे हैं। ऐसे स्कूली वाहनों के पंजीयन निलंबन की कार्रवाई संभागीय परिवहन विभाग ने शुरु कर दी है। जल्द ही इन पर एक्शन लिया जाएगा।


आपको बता दें कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूल प्रबंधन संजीदा नहीं दिख रहा है, तभी तो 83  स्कूली वाहन अनफिट होने व फिटनेस के लिए नोटिस देने के बाद भी अनजान बने बैठे हैं। ऐसे स्कूली वाहनों के पंजीयन निलंबन की कार्रवाई संभागीय परिवहन विभाग ने शुरु कर दी है।

नगर व ग्रामीण दोनों क्षेत्र में विद्यालयों में बच्चे मैजिक, टेंपो व स्कूली बसों से भरकर लाए और छुट्टी के बाद ले जाए जाते हैं। कहीं-कहीं यह वाहन स्कूल की ओर से संचालित किए जाते हैं तो कहीं लोग खुद ही संचालित करते हैं । कई वाहन तो इतने जर्जर दिखते हैं कि उनकी बगल से गुजरने से भी डर लगता है। इन वाहनों में केवल चालक के ही सहारे बच्चे होते हैं। स्कूली वाहन के लिए मानक पूरा करने को कौन कहे इन वाहनों में आग बुझाने व प्राथमिक उपचार की कोई व्यवस्था नहीं रहती। कई वाहनों में तो स्कूल प्रबंधक व प्रधानाचार्य का नंबर भी नहीं लिखा होता और महिला सहायक तो किसी स्कूल बस में दिखाई नहीं देती। वाहनों के लिए परिवहन विभाग फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करता है। जो वाहन सारे मानक पूरे करते हैं उनका फिटनेस जारी किया जाता है लेकिन समय बीतने के बाद भी 83 स्कूली वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र लेने ही नहीं आए। विभाग ने ऐसे वाहनों के पंजीयन निलंबन की कार्रवाई शुरु की है।

unfit school vehicles

 स्कूली बसों में यह व्यवस्था होनी अनिवार्य
इमरजेंसी गेट बसों के पीछे हों, मिनी बस में आग बुझाने के लिए 2-2 किलो के दो सिलेंडर होने चाहिए। बच्चे खिड़की से मुंह बाहर ना निकाल पाए इसके लिए शीशों पर 5 से 7 ग्रिल होनी अनिवार्य हैं। एसी बसों में शीशे बंद होने के चलते ग्रिल की जरूरत नहीं है लेकिन बाकी के मानक पूरे करने अनिवार्य हैं। स्कूली बसों को सिर्फ 40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलाया जा सकता है।

फिटनेस के लिए यह होना जरूरी
वाहनों की फिटनेस के लिए उनका पंजीकरण, प्रदूषण प्रमाण पत्र, फिटनेस प्रमाण पत्र, चालक का डीएल, ड्राइवर का पुलिस वैरीफिकेशन, चालक ने वैक्सीन की दोनों खुराक ली या नहीं, वाहन पर मोबाइल नंबर, पुलिस हेल्पलाइन नंबर दर्ज है या नहीं, अग्निशमन यंत्र, वाहन में जीपीएस, सीसीटीवी कैमरा एवं स्पीड कंट्रोल डिवाइस होना जरूरी है।

इस संबंध में संभागीय निरीक्षक अशोक कुमार ने बताया कि जिले में कुल 850 स्कूली वाहन का रजिस्ट्रेशन है। जिनमें 560 बसें शामिल हैं। 45 स्कूली बसों का पंजीयन निलंबित किया गया है। 83  स्कूली वाहनों ने निर्धारित तिथि बीतने के बाद भी फिटनेस नहीं कराया है। ऐसे वाहन संचालकों को नोटिस दी गई है। यदि वे 15 दिन के अंदर फिटनेस नहीं कराएंगे तो उनके निलंबन की कार्रवाई शुरु कर दी जाएगी।

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