परवीन वारसी इसलिए करती हैं छठ पूजा, मां की पहल को आगे बढ़ा रहीं परवीन

राइजिंग सन वर्ल्ड स्कूल मवैया की प्रबंधक हैं परवीन वारसी
चंदौली मुख्यालय स्थित साव जी पोखरे पर की छठ पूजा
परिवार के लोग मिलकर करते हैं सहयोग
चंदौली जिले में सूर्य उपासना के महापर्व छठ की शुरूआत होने पर केवल हिंदू ही नहीं बल्कि भगवान सूर्य व लोक आस्था के पर्व में भरोसा रखने वाली मुस्लिम महिलाओं ने भी शिरकत की। चंदौली जनपद के जिला मुख्यालय पर भी गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल देखने को मिली। यहां कुछ मुस्लिम महिलाएं भी छठ का व्रत रखकर इस त्योहार को मनाने का सिलसिला जारी रखे हुए हैं। अपने परिवार की उन्नति के लिए रखे जाने वाले इस कठिन व्रत को शहर की कुछ मुस्लिम महिलाएं भी उसी निष्ठा के साथ कर रही हैं।

आपको बताते चलें कि मूल रूप से जनपद के पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर (मुगलसराय) की निवासी एक मुस्लिम महिला व राइजिंग सन वर्ल्ड स्कूल मवैया की प्रबंधक परवीन वारसी की माता द्वारा पिछले 21 सालों से लोक आस्था के महापर्व डाला छठ को बड़े ही सौहार्द के साथ किया जाता है। इसके बाद अब खुद परवीन वारसी अपने परिवार व बच्चों के लिए पिछले 8 सालों से छठ व्रत रखती हैं। वह ढलते व उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही व्रत का समापन करती हैं।
बताया जाता है कि इस नेक काम में पूरे परिवार के लोगों का भी पूरा सहयोग मिलता है। पिछले कुछ सालों तक तो चकिया के मां काली मंदिर पोखरे में पहुंचकर छठ पर्व किया, लेकिन इस बार चंदौली मुख्यालय स्थित साव जी पोखरे पर पहुंचकर छठ कर रही हैं।
परवीन वारसी का कहना है कि हमारे लिए परिवार सबसे पहले है। अगर किसी व्रत को रखने से घर में खुशहाली आए तो इसमें कुछ गलत नहीं है। ये महिलाएं हिंदुओं के अन्य त्योहार भी पूरी श्रद्धा से मनाती हैं। इनका मानना है कि इससे समाज में आपसी प्रेम और अमन-चैन भी बना रहता है। छठ महापर्व हम लोग साथ-साथ मना रहे हैं।
वहीं परवीन वारसी ने कहा कि यह हिंदू-मुस्लिम नहीं, आनंद का पर्व है। इसमें परिवार के साथ अच्छा समय बिताते हैं। मान्यता है कि इस व्रत के दौरान भोर में सूर्य भगवान को अर्ध्य देने से परिवार की उन्नति होती है। इसी कारण मैं इस व्रत को पूरी आस्था से रखती हूं। उन्होंने बताया कि हम पिछले कई सालों से छठ व्रत कर रहे हैं और छठी मैया को खुश करने के लिए कोई कसर नहीं छोडूंगी।
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