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शहाबगंज में बिना काम के हो जाता है पेमेंट, बस कमीशन पूरा दीजिए

चंदौली जिले के शहाबगंज विकास खंड में भ्रष्टाचार  का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बिना विकास कार्य कराए ही 3.61 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया है।
 

विकास कार्यों के नाम पर कर लिया गया भुगतान

लेकिन नहीं हुआ कोई भी काम

 विकास कार्यों में अनियमितता पर जब जागा प्रशासन

तो शुरू हुआ जल्दबाजी में काम

 

चंदौली जिले के शहाबगंज विकास खंड में भ्रष्टाचार  का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बिना विकास कार्य कराए ही 3.61 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया है। ताजा मामला ग्राम पंचायत मंगरौर का है, जहां ये खेल उजागर होने के बाद कार्ययोजना के तहत 14 अगस्त से कार्य शुरू कराकर मामले में लीपापोती की जा रही है। 

बताया जा रहा है कि जन सूचना अधिकार के ग्रामीण देवेन्द्र कुमार ने जानकारी मांगी तो ब्लाक प्रशासन हैरत में आ गया। अधिकारियों की गर्दन न फंस जाए, इसको लेकर वह सक्रिय हो गए और कार्ययोजना के तहत 14 अगस्त से कार्य शुरू करा दिया गया है। आपने जिले में सुना होगा कि कई ग्राम प्रधान काम कराने के बाद कई सालों से भुगतान न होने की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन शहाबगंज ब्लॉक में अलग कहानी चल रही है। 


आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले मार्च की शुरुआत में ही वित्तीय वर्ष 2023-24 में लगभग 5.35 लाख से विभिन्न कार्य कराने के लिए 15वें वित्त से कार्ययोजना बनाई गई थी। ग्राम सभा में चकिया-इलिया मार्ग के किनारे सूबेदार के घर से बादशाह  के घर तक नाली, चौका व सीसी रोड मरम्मत कार्य पर मुहर लगी। इसके बाद अधिकारियों को कार्य कराने की जिम्मेदारी दी गई।


सहायक विकास अधिकारी कृषि रणविजय सिंह को कार्य प्रभारी व तकनीकी कार्य की जिम्मेदारी टीए प्रदीप जायसवाल को मिली थी। खंड विकास अधिकारी को निगरानी व कार्य पूर्ण होने पर ही भुगतान कराने की जिम्मेदारी थी। 
 

आरटीआई कार्यकर्ता ने आरोप लगाया कि प्रस्तावित विकास कार्य नहीं कराया गया। सूचना मांगने पर काम शुरू हुआ है। 27 जुलाई को ग्राम प्रधान ओमप्रकाश साहनी व ग्राम सचिव साहब सिंह ने डोंगल से श्रमांश के लिए दो लाख 62 हजार पांच सौ और सामग्री के लिए नूर कंस्ट्रक्शन फर्म के खाते में एक लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया था। 


ऐसी स्थिति में गांव के ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी अनियमितता की एक-दो नहीं, बल्कि लंबी सूची है। योजनाओं का क्रियान्वयन में लापरवाही की जा रही है। बिना काम कराए राशि की निकासी की जा रही है। यह सब खेल कमीशनखोरी और सेटिंग का है, जो शहाबगंज विकास खंड में आंख मूंदकर खेला जा रहा है। 


इन गांवों में भी अनियमितता की शिकायत


ईशापुर, शाहपुर, हाटा, नौडिहा, कौड़िहार, धन्नीपुर व मूसाखाड़ आदि ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों को लेकर अनियमितता की शिकायतें हैं। विकास खंड व विकास भवन में अधिकारियों के यहां शिकायती पत्र पड़े हैं। जांच के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है।
 

बोले- सीडीओ सुरेंद्रनाथ श्रीवास्तव


इस संबंध में सीडीओ सुरेंद्रनाथ श्रीवास्तव ने बताया कि मंगरौर ग्राम पंचायत की शिकायत गंभीर है। बिना कार्य के भुगतान का प्राविधान नहीं है। मामले की जांच कराकर दोषी अधिकारियों व ग्राम प्रधान के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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