बकरीद के पहले शांति समिति की मीटिंग, शांति व सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाएं त्योहार
ईद-उल-अजहा अर्थात् बकरीद मनाने की तैयारी
पुलिस व प्रशासन को दिए निर्देश
धर्मगुरुओं से की गयी खास तरह की अपील
शरारती तत्वों को जारी की चेतावनी
जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने संबंधित अधिशासी अधिकारी व जिला पंचायत राज अधिकारी को शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मस्जिदों, नमाज स्थलों के आसपास विशेष सफाई कराकर चूने का छिड़काव कराना सुनिश्चित करने का आदेश दिया। साथ ही सभी इलाके में जलापूर्ति की भी समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए कहा। कुर्बानी के पश्चात् अवशेष को उचित स्थान पर पर्याप्त संख्या में गहरा गड्डा खुदवाकर उसमें ब्लीचिंग, नमक तथा चूना डालकर उचित तरीके से ढकवा कर निस्तारण कराना सुनिश्चित कराने के लिए समझाया गया।
उन्होंने कहा कि समस्त उप जिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी, प्रभारी निरीक्षक, थाना अध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्रों में यह सुनिश्चित करेंगे कि कुर्बानी पूर्व से निर्धारित परंपरागत स्थलों पर ही की जाए। किसी भी दशा में खुले में कोई कुर्बानी नहीं की जाए। उक्त त्यौहार पर कोई नई परंपरा कायम नहीं की जाए। इसके अनुपालन में किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलाधिकारी ने अधीक्षण अभियंता विद्युत को निर्देश देते हुए कहा कि नमाज के मुख्य मार्गों का स्थलीय निरीक्षण कराकर जर्जर विद्युत तारों को समय रहते दुरुस्त करना सुनिश्चित करें तथा त्यौहार के समय विद्युत आपूर्ति निर्वाध संचालित रहे। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिन अधिकारियों को जो जिम्मेदारी दी गई है, वह अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी निष्ठा के साथ करते हुए त्यौहार को सकुशल संपन्न कराने में अपनी भूमिका का निर्वहन करें। इन कार्यों में किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
पुलिस अधीक्षक ने समस्त पुलिस क्षेत्राधिकारियों, प्रभारी निरीक्षकों, थाना अध्यक्ष को निर्देश देते हुए कहा कि त्यौहार के दौरान अपने-अपने क्षेत्र में निरंतर भ्रमणशील रहते हुए शांति व सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखेंगे, जिससे किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न होने पाए। उन्होंने कहा कि धार्मिक संवेदनशील मामलों में माहौल खराब करने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन व पुलिस द्वारा कड़ी कार्यवाही की जाएगी। और पुलिस अधीक्षक ने कहा कि समस्त थाना अध्यक्ष अवशेषों के निस्तारण चिन्हित स्थान का भी निरीक्षण कर लें।
इसके अलावा संवेदनशील और अतिसंवेदनशील स्थानों पर ड्रोन कैमरे से निगरानी की जाएगी। ताकि कोई फिजा बिगाड़ने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई हो सके।
जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे द्वारा बताया गया कि किसी भी दशा में खुले में कोई कुर्बानी नहीं की जाए। उक्त त्यौहार पर कोई नई परंपरा कायम नहीं की जाए। इसके अनुपालन में किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बकरीद का पर्व तीन दिनों तक मनाया जाता है. डीएम ने इन तीन दिनों के लिए महत्वपूर्ण मंदिरों पर विधि-व्यवस्था के दृष्टिकोण से दंडाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति करते हुए नियमित रूप से गश्ती सुनिश्चित करने, रात्रि गश्त भी तीन दिनों के लिए सुनिश्चित करने व अपनी-अपनी जिम्मेवारी के साथ सतर्क रहने का निर्देश दिया। बताया कि इस अवसर पर बकरा के कुर्बानी का प्रचलन है। कुर्बानी के पश्चात् यह ध्यान रखा जाय कि अवशिष्ट पदार्थ का यत्र-तत्र नहीं फेंक कर उसे कम से कम पांच फीट अंदर जमीन्दोज किया जाय। यत्र-तत्र बिखराव होने से कुत्ता एवं पक्षी के द्वारा धार्मिक स्थल के समीप गिराया जा सकता है, जिससे अनावश्यक रूप से विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है। अतः अवशिष्ट पदार्थों का जमीन्दोज करने हेतु प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें।
डॉ. अनिल कुमार पुलिस अधीक्षक चन्दौली ने धर्मगुरुओं एवं संभ्रांत लोगों से संवाद करते हुए कहा कि त्यौहार में कोई नई परंपरा ना डाली जाए एवं प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी प्रत्येक दशा में प्रतिबंधित रहेगी। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि नमाज एवं कुर्बानी के समय के विषय में लोगों को जागरूक करें, जिससे कुर्बानी समय से की जाए। उन्होंने बताया कि शहर और गांवों के सभी इदगाहों पर मजिस्ट्रेट व पुलिस बलों की प्रतिनियुक्ति की जायेगी। बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह या गलत मैसेज फैलाया जाता है तो इसके लिये गठित सोशल मीडिया टीम द्वारा विशेष निगरानी बरती जा रही है। युवाओं पर खास पैनी नजर रहेगी। असामाजिक तत्वों पर निगरानी अपेक्षित है, ताकि विधि-व्यवस्था प्रभावित नहीं हो सकें।
बताया कि इस पर्व के अवसर पर कुर्बानी के बाद मांस अपने सगे-संबंधी, मित्रों एवं गरीबों को भी देने का प्रचलन है, लेकिन इस क्रम में यह ध्यान रखना आवश्यक है कि उस मांस को पूर्ण रूप से ढंक कर ही एक जगह से दूसरे जगह ले जाया जाय। ताकि अन्य किसी को कोई दुविधा नहीं हो। इस क्रम में दूसरे समुदाय के भावना का ख्याल रखना अपेक्षित है। मिश्रित जनसंख्या वाले जगहो, जहां पर पूर्व से जमीन संबंधी अथवा अन्य कोई विवाद हो, वहां पर दंडाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित किया जाय। संवेदनशील एवं अति संवेदनशील जगहों पर विशेष निगरानी रखने, आवश्यक संबंधित जगहों पर चौकीदार एवं गृह रक्षक की भी प्रतिनियुक्ति करने का निर्देश दिया।
हमें गर्व है कि हमारे जिला का इतिहास काफी स्वर्णिम है. यह जिला सभी धर्मों के सभी पर्वों में आपसी भाईचारा के साथ एक-दूसरे को सहयोग कर पर्व मनाते हैं।
इस अवसर पर जिलाधिकारी जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे, एसपी डॉ. अनिल कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक , सदर एसडीएम, पीडीडीयू नगर के सहित समस्त संबंधित अधिकारी कर्मचारी एवं धर्मगुरुओं तथा जनपद के संभ्रांत लोग उपस्थित रहे।
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