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ताहिरपुर, मिल्कीपुर, रसूलागंज और छोटा मिर्जापुर के लोगों ने अजय राय से लगायी मदद की गुहार

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने प्रतिनिधि मंडल की बात गंभीरता से सुनी और कहा कि वर्तमान सरकार संविधान और लोकतंत्र का खुला उल्लंघन कर रही है।
 

वाराणसी के राल्हूपुर बंदरगाह विस्तार पर ग्रामीणों का विरोध तेज

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से मिला प्रतिनिधि मंडल

पुश्तैनी जमीन बचाने की मार्मिक अपील

वाराणसी के राल्हूपुर क्षेत्र में बन रहे बंदरगाह के विस्तार के तहत प्रस्तावित फ्रंट विलेज और लॉजिस्टिक पार्क परियोजना को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। चंदौली जिले की तहसील मुगलसराय के ग्राम ताहिरपुर, मिल्कीपुर, रसूलागंज और छोटा मिर्जापुर के ग्रामीणों ने जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आवाज बुलंद की है। इसी क्रम में गांव के एक प्रतिनिधि मंडल ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से मुलाकात कर अपनी पीड़ा साझा की और ज्ञापन सौंपा।

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पुश्तैनी जमीन बचाने की मार्मिक अपील
प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि बंदरगाह और उससे जुड़ी औद्योगिक परियोजनाओं के नाम पर ग्रामीणों की पुश्तैनी जमीनें छीनी जा रही हैं। ज्ञापन पर ईशान मिल्की, विनय मौर्य, वीरेन्द्र कुमार साहनी, आस मोहम्मद, अखिलेश सिंह, चंद्र प्रकाश मौर्य, डब्लू साहनी, मोहम्मद नाज़िम, सैफुल्ला और मोहम्मद एजाज़ के हस्ताक्षर हैं। उनके साथ कांग्रेस नेता व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सतनाम सिंह और कांग्रेस नगर अध्यक्ष पप्पू खान भी मौजूद रहे।

ईशान मिल्की ने बताया कि इस क्षेत्र की 70 प्रतिशत आबादी माझी समाज से आती है, जो पीढ़ियों से गंगा किनारे मछली पकड़ने और नाव चलाकर अपनी आजीविका चलाते हैं। ऐसे में भूमि अधिग्रहण उनके जीवन और संस्कृति पर सीधा हमला है।

प्रशासनिक दबाव और ग्रामीणों का विरोध
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि 20 मई को बिना किसी पूर्व सूचना के प्रशासन तीन बुलडोजर और भारी पुलिस बल के साथ गांव पहुंचा, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। इसके बाद 3 जुलाई को उपजिलाधिकारी मुगलसराय अनुपम मिश्रा पुनः गांव पहुंचे और स्पष्ट रूप से कहा कि इस परियोजना के लिए ग्रामीणों की सहमति की आवश्यकता नहीं है, प्रशासन सीधे अधिग्रहण करेगा।

इस पर ग्रामीणों ने एकजुट होकर विरोध किया और साफ शब्दों में कहा कि वे किसी भी कीमत पर अपनी जमीन नहीं देंगे, चाहे इसके लिए उन्हें अपनी जान ही क्यों न देनी पड़े। प्रशासन को एक बार फिर खाली हाथ लौटना पड़ा।

अजय राय का आश्वासन
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने प्रतिनिधि मंडल की बात गंभीरता से सुनी और कहा कि वर्तमान सरकार संविधान और लोकतंत्र का खुला उल्लंघन कर रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस मुद्दे को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के संज्ञान में लाया जाएगा और संसद में भी इसे मजबूती से उठाया जाएगा।

अजय राय ने कहा, “हम ग्रामीणों के साथ हैं। जबरन भूमि अधिग्रहण किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। यह सरकार गरीबों की जमीन छीनकर पूंजीपतियों को सौंपना चाहती है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।”

यह मामला न केवल भूमि अधिग्रहण से जुड़ा है, बल्कि ग्रामीणों की आजीविका, संस्कृति और अस्तित्व से भी जुड़ा हुआ है। आने वाले दिनों में यह संघर्ष और तेज़ हो सकता है, क्योंकि ग्रामीणों ने अपने हक की लड़ाई लड़ने का संकल्प ले लिया है।

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