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ऑनलाइन पोर्टल बना है जी का जंजाल, 8 महीने बाद भी किसानों को नहीं मिला स्प्रिंकलर

चंदौली जिले में पर ड्रॉप मोर क्रॉप योजना का लाभ ले पाना किसानों के लिए मुश्किल हो गया है। ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन की धीमी गति किसानों के लिए फजीहत बन गई है।
 

पर ड्रॉप मोर क्रॉप योजना का कैसे लें लाभ

योजना का लाभ लेने में किसानों की फजीहत

8 महीने बाद भी 529 किसानों को नहीं मिल पाए उपकरण

26 किसानों को ही मिल पायी है सुविधा

चंदौली जिले में पर ड्रॉप मोर क्रॉप योजना का लाभ ले पाना किसानों के लिए मुश्किल हो गया है। ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन की धीमी गति किसानों के लिए फजीहत बन गई है। बीते आठ माह में 618 हेक्टेयर में टपक और स्प्रिंकलर लगवाने के लिए 555 किसानों ने आवेदन किया। बड़ी मुश्किल से 26 किसानों के 28 हेक्टेयर खेत में सिंचाई के साधनों को लगाया जा सका है। शेष 529 किसान अभी भी इंतजार में हैं। 


आपको बता दे कि बेहतर सिंचाई और जल संरक्षण के उद्देश्य से जिले में उद्यान विभाग की ओर से इस वित्त वर्ष करीब 1500 हेक्टेयर में टपक और स्प्रिंकलर सिंचाई के साधन को स्थापित कर किसानों को लाभान्वित करने के लक्ष्य है। बीते अप्रैल से दिसंबर तक 555 किसानों ने 618 हेक्टेयर में उपकरण लगाने के पंजीकरण कराया है। इनमें से अब तक 26 किसानों के 28 हेक्टेयर खेतों के लिए आवेदन स्वीकार हुए हैं। 

per drop more crop scheme

 

  • 80 से 90 प्रतिशत तक है अनुदान 


योजना के तहत लघु सीमांत किसानों को 90 और अन्य किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान का प्राविधान है। एक हेक्टेयर में ड्रीप और स्प्रिंकलर के लिए कम से कम 27 हजार 823 से एक लाख 46 हजार 626 रुपये खर्च होता है।


इस संबंध में चकिया क्षेत्र के किसान ने बताया कि योजना के तहत पहले पंजीकरण के दो से तीन दिनों के बाद ही चयनित कंपनी की ओर से खेत में काम शुरू हो जाता था, लेकिन अब ऑनलाइन आवेदन के लिए तीन से चार बार विभाग के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

per drop more crop scheme


वहीं इस संबंध में बरहनी क्षेत्र के एक किसान का कहना है कि किसानों के लिए योजनाएं तो बहुत है लेकिन उनकी आवेदन की प्रक्रिया और शर्तें इनती जटिल होती है कि आवेदन करने से पहले दस बार सोचना पड़ता है।

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