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चंदौली मेडिकल कॉलेज के लिए दाखिल हो गयी जनहित याचिका, हाईकोर्ट में 18 जुलाई को सुनवाई

चंदौली, सोनभद्र समेत प्रदेश के 13 जिलों के राज्य मेडिकल कॉलेजों को पर्याप्त संसाधन और स्टाफ समेत मान्यता प्रदान करने के आग्रह वाली एक जनहित याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में दाखिल की गई है।
 

मेडिकल कॉलेजों को पर्याप्त संसाधन का अभाव

स्टाफ समेत अन्य सुविधाएं आधी अधूरी

मान्यता न मिलने पर दाखिल हो गयी जनहित याचिका

अधिवक्ता मोतीलाल यादव ने लखनऊ पीठ में दाखिल की याचिका

चंदौली, सोनभद्र समेत प्रदेश के 13 जिलों के राज्य मेडिकल कॉलेजों को पर्याप्त संसाधन और स्टाफ समेत मान्यता प्रदान करने के आग्रह वाली एक जनहित याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में दाखिल की गई है। इस पर 18 जुलाई को सुनवाई सकती है। अब देखते हैं कि 18 जुलाई को सुनवाई के बाद क्या इन विद्यालयों को मान्यता मिल पाती है या अभी और इंतजार करना पड़ता है। 

आपको बता दें कि 70 फीसदी संसाधन, स्टाफ आदि की कमी की वजह से उत्तर प्रदेश के नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज को मान्यता नहीं मिल सकी। जिसको लेकर चंदौली समाचार पर खबर भी प्रकाशित की गई थी। जिस पर ध्यान देते हुए स्थानीय अधिवक्ता मोतीलाल यादव ने हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में यह याचिका दाखिल किया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के 13 जिलों में स्थित स्वायत्त राज्य मेडिकल कॉलेजों को 70 फीसदी संसाधन, स्टाफ आदि की कमी की वजह से मान्यता नहीं मिल सकी है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की रिव्यू कमेटी ने इनको मान्यता देने की अर्जी खारिज कर दी। ये मेडिकल कॉलेज कुशीनगर, कौशांबी, सुल्तानपुर, कानपुर देहात, ललितपुर, पीलीभीत, औरैया, सोनभद्र, बुलंदशहर, गोंडा, बिजनौर, चंदौली और लखीमपुर खीरी के हैं। 


मामले में याची का कहना है कि व्यापक जनहित में राज्य सरकार को इन मेडिकल कॉलेजों में पर्याप्त संसाधन, स्टाफ आदि की व्यवस्था तत्काल करनी चाहिए। जिससे इन्हें मान्यता मिल सके। वहीं इन जिलों के लोगों को बड़े शहरों में इलाज के लिए भाग-दौड़ न करनी पड़े।

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