अब नई तकनीक से होगा आवास के लाभार्थियों के घरों का सर्वे, प्रधानमंत्री आवास योजना में AI का उपयोग
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होगा पात्रता का सत्यापन
मकान में पक्की ईंटों का उपयोग होने पर अपात्र होंगे लाभार्थी
डाटा दर्ज करने की प्रक्रिया हुई डिजिटल और पेपरलेस
चंदौली जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के सर्वे में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस साफ्टवेयर की खासियत यह है कि सचिव की ओर से जो भी फोटो अपलोड की जाएंगी, यदि उसमें पक्की ईंट लगी होंगी तो साफ्टवेयर उसकी छंटनी कर लाभार्थी को अपात्र घोषित कर देगा। इस तकनीक से ही पात्रता सुनिश्चित होगी। हालांकि आवास योजना का लक्ष्य अभी नहीं आया है। नए वित्तीय वर्ष 2025-26 में ही लाभ मिल सकेगा।
आपको बता दें कि जनपद की 734 ग्राम पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का सर्वे शुरू हो गया है। ग्राम पंचायत सचिव के साथ लगाए गए अन्य विभागों के कर्मचारी घर जाकर पात्रों को आवास योजना सूची में शामिल करने का काम कर रहे हैं। एआइ को लेकर दावा किया जा रहा है कि इसमें लाभार्थियों के चयन में अब किसी प्रकार की धांधली की गुंजाइश नहीं रहेगी।
बताते चलें कि एआइ जैसी आधुनिक तकनीक से लाभार्थियों का सर्वे किया जाएगा। परियोजना निदेशक डीआरडीए ने बताया कि सर्वे के दौरान लाभार्थियों का डाटा मोबाइल के माध्यम से उनके घर पर ही आनलाइन दर्ज किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में परिवार के सभी सदस्यों का आधार नंबर अनिवार्य है। महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। सत्यापन प्रक्रिया में 15 महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी एकत्र की जाती है। एआइ कैमरा न केवल लाभार्थी का रेटिना स्कैन करता है, बल्कि घर की स्थिति का भी मूल्यांकन करता है। उदाहरण के लिए यदि किसी आवेदक के घर की दीवारें पक्की हैं तो साफ्टवेयर तुरंत इसका पता लगा लेता है। उसका नाम अपने आप ही फिल्ट हो जाएगा।
योजना हुई पेपरलेस, 28 फरवरी तक होगा सर्वे
कोई फार्म गांवों में आवास विहीन परिवारों को आवास के आवेदन करने के लिए कोई फार्म नहीं भरना पड़ेगा। पहली बार योजना को पेपरलेस किया गया है। जांच होने के बाद पात्र और अपात्र लोगों की सूची को जांच के बाद पंचायत में चस्पा किया जाएगा। 28 फरवरी तक सर्वे का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
इस संबंध में परियोजना निदेशक डीआरडीए वीवी सिंह ने बताया कि केवल कच्चे 3 आवास वाले लोगों का ही सत्यापन किया जाएगा। सर्वे करने वाले कर्मचारी का बायोमीट्रिक सत्यापन और लाभार्थी का रेटिना स्कैन जरूरी किया गया है। शासन ने फरवरी तक इस कार्य को पूर्ण करने का समय दिया है। नए वित्तीय वर्ष में आवास का लक्ष्य आवंटन होने के बाद पात्र मिले लाभार्थियों को लाभान्वित किया जाएगा।
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