एक ने की मारपीट तो उजड़ गए सारे कब्जे, वकील से मारपीट के बाद पुलिस ने चलाया बुलडोजर..देखें वीडियो
वकील से मारपीट के बाद पुलिस प्रशासन सख्त
अवैध दुकानों पर चला बुलडोजर
साफ हो गया कोतवाली के आसपास का सारा कब्जा
चंदौली जिले के मुगलसराय में मंगलवार रात एक वकील और उनके परिवार के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। नारियल पानी की कीमत को लेकर शुरू हुए विवाद ने इतना विकराल रूप ले लिया कि दुकानदारों ने न सिर्फ वकील बल्कि उनके परिवार के सदस्यों से भी मारपीट की और उनकी गाड़ी तोड़ डाली। इस घटना से गुस्साए लोगों और अधिवक्ताओं ने प्रशासन पर दबाव बनाया, जिसके बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए घटनास्थल पर अवैध रूप से लगी सभी दुकानों को बुलडोजर से हटवा दिया।
इस तरह से हुआ था विवाद
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार रात एक वकील अपने परिवार के साथ बाजार आए थे। मुगलसराय कोतवाली गेट के सामने नारियल पानी खरीदते समय उनका दुकानदार से दाम को लेकर विवाद हो गया। देखते ही देखते यह बहस मारपीट में बदल गई। आसपास के अन्य ठेले वाले और दुकानदार भी इस झगड़े में शामिल हो गए और उन्होंने वकील और उनके परिवार पर हमला कर दिया। इस दौरान वकील की पत्नी और बच्चों के साथ भी बदसलूकी की गई। हमलावरों ने उनकी कार के शीशे भी तोड़ दिए।

पुलिस की कार्रवाई और बुलडोजर अभियान
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला। पुलिस ने एक आरोपी को मौके से गिरफ्तार कर लिया है, जबकि बाकी हमलावरों की तलाश की जा रही है। घटना की गंभीरता को देखते हुए, मुगलसराय कोतवाली प्रभारी गगन राज सिंह ने तुरंत कार्रवाई का आदेश दिया। उन्होंने जेसीबी मशीन बुलाकर कोतवाली गेट के सामने लगी सभी अवैध दुकानों और ठेलों को हटवा दिया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह क्षेत्र लंबे समय से अतिक्रमण की समस्या से जूझ रहा था। अवैध दुकानें और ठेले यातायात में बाधा उत्पन्न करते थे और अक्सर झगड़ों का कारण बनते थे, लेकिन पहले कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी। इस घटना ने प्रशासन को हरकत में आने के लिए मजबूर कर दिया।
अधिवक्ता संघ ने की निंदा
इस हमले ने स्थानीय अधिवक्ताओं और आम जनता में रोष पैदा कर दिया है। अधिवक्ता संघ ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में मुगलसराय प्रभारी गगन राज सिंह ने बताया कि वकील के साथ अवैध दुकानदारों द्वारा मारपीट की गई थी, जिसके संबंध में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और सभी अवैध दुकानों को हटा दिया गया है।

यह घटना न केवल कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाती है, बल्कि शहरी क्षेत्रों में अतिक्रमण और अवैध व्यापार की बढ़ती समस्या को भी उजागर करती है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ने भले ही तत्काल रोष को शांत कर दिया हो, लेकिन यह देखना बाकी है कि क्या यह कार्रवाई भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में कामयाब हो पाएगी।
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