सकलडीहा में तालाबों की नीलामी : बड़े तालाब कम कीमत में बिके, प्रक्रिया पर उठे सवाल
सकलडीहा तहसील सभागार में तालाबों की नीलामी
कुल 23 तालाबों की नीलामी का आयोजन
6 तालाबों के लिए कोई आवेदन नहीं
सबसे बड़ा तालाब मात्र 6.45 लाख में बिक गया
स्थानीय लोगों ने प्रक्रिया पर उठाए सवाल
चंदौली जिले के सकलडीहा तहसील सभागार में बुधवार को 23 तालाबों की नीलामी का आयोजन किया गया। इसमें कुल 17 तालाबों की सफल नीलामी हुई, जबकि छह तालाबों के लिए कोई आवेदन नहीं आया। इस दौरान सबसे अधिक चर्चा 24 बीघे के तालाब की हुई, जो केवल 6.45 लाख रुपये में नीलाम हुआ। वहीं, बसगावां गांव के तीन बीघा रकबे वाले तालाब के लिए बोली 18 लाख रुपये तक पहुंची। इस असमान कीमत के कारण नीलामी प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं।
अमावल गांव की प्रधान माधुरी सिंह और सोनू यादव ने बताया कि बड़े तालाब की कम कीमत और प्रतियोगिता की कमी के कारण सरकार को राजस्व नुकसान उठाना पड़ रहा है। उनका कहना है कि यदि बड़े तालाबों की नीलामी को भी छोटे तालाबों जैसी प्रतिस्पर्धात्मक प्रक्रिया के तहत कराया जाए, तो इससे अधिक बोली लग सकती है और सरकार को ज्यादा राजस्व प्राप्त होगा।

राजस्व संहिता के अनुसार, चार एकड़ से अधिक के तालाब मछुआ समितियों को आवंटित किए जाते हैं। सकलडीहा विकास खंड में केवल एक ही मछुआ समिति होने से बड़े तालाबों पर प्रतिस्पर्धा नहीं होती, जिससे उनकी कीमत अपेक्षाकृत कम रह जाती है।
नीलामी के दौरान नायब तहसीलदार दिनेश चंद्र शुक्ला, रजिस्ट्रार कानूनगो रामप्रवेश और मत्स्य विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने और नियमों के अनुसार नीलामी कराने का प्रयास किया।
स्थानीय लोग और ग्रामीण इस नीलामी प्रक्रिया में सुधार की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि बड़े तालाबों की उचित मूल्य निर्धारण प्रक्रिया लागू की जाए, ताकि सरकार को राजस्व में अधिक लाभ और तालाबों के सही उपयोग की गारंटी मिल सके।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*






