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चकिया के इंटर कॉलेज में घटिया सामान से बन रही लाइब्रेरी, कमीशनखोरी करके अफसर खामोश ​​​​​​​

चंदौली जिले में एक तरफ योगी सरकार भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ लगाम लगाने के लिए लगातार कार्रवाई करते हुए प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने की कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती है ।
 

आदित्य नारायण राजकीय इंटर कॉलेज में बन रही लाइब्रेरी

घटिया सामान लगाकर किया जा रहा है काम

भ्रष्टाचार में ठेकेदारों के साथ मिले हैं अधिकारी 

 

चंदौली जिले में एक तरफ योगी सरकार भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ लगाम लगाने के लिए लगातार कार्रवाई करते हुए प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने की कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती है । तो वहीं दूसरी तरफ ठेकेदार व संबंधित विभाग के अधिकारी खराब गुणवत्ता के काम करके भ्रष्टाचार का कई मौका नहीं छोड़ते हैं। 


आपको बता दें कि चकिया नगर में स्थित आदित्य नारायण राजकीय इंटर कॉलेज में छात्र-छात्राओं के पढ़ने के लिए लाइब्रेरी का निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन ठेकेदार व संबंधित विभागिय अधिकारी के मिली भगत से आदित्य नारायण राजकीय इंटर कॉलेज में निर्माण हो रहा लाइब्रेरी के काम में घटिया व दोयम दर्जे के सामान का इस्तेमाल किया जा रहा है। साथ ही निर्माण में भ्रष्टाचार किया जा रहा है। 


लोगों ने कहा कि कॉलेज परिसर में लाइब्रेरी बनाने में दोयम दर्जे की सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, जो कि मानक विहीन है। इसके लिए कोई एक्शन नहीं ले रहा है। 

आपको बता दें कि भारत सरकार के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सन 1967 में आदित्य नारायण राजकीय इंटर कॉलेज के छात्र रह चुके हैं। यह कॉलेज कई अच्छे कार्यों के लिए चर्चा में रहता है, लेकिन कुछ भ्रष्टाचारियों के द्वारा इसको बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। कॉलेज में बनने वाली लाइब्रेरी के छत निर्माण के समय उत्तर प्रदेश राज्य सरकारी विभाग के कोई अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं था। जबकि छत निर्माण के समय उक्त मौके पर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी मौजूद रहना चाहिए था। लेकिन कमीशन लेने के बाद विभाग के अधिकारी ऐसे कार्यों से आंख मूद लेते हैं।  

जब मामले में हंगामा शुरू हुआ तो अधिकारियों के कान खड़े हुए। निर्माण कार्य में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर जब कहासुनी शुरू हुई तो विभाग ने जांच के लिए अधिकारी को भेजा। 

मौके पर काम की घटिया क्वालिटी पर विभाग के एई मनोज कुमार पांडेय ने निर्माण कार्य का जांच किया। साथ ही कहा कि  निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था। देखकर निर्माण हो रहे कार्य को लेकर असंतोष जाहिर करते हुए निर्माण कार्य में उपयोग हो रही सामग्रियों को बदलने की बात कही गयी है।


 अब देखना यह है कि मीडिया में खबर आने के बाद भ्रष्टाचारियों पर कितनी नकेल कसी जाती है। या फिर इस मामले को भी पहले के मामलों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।

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