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इन सड़कों को कौन बनवाएंगा डीएम साहब, कागजों में पूरा हो गया है सड़कों के गड्ढे भरने का अभियान

चंदौली बारिश के बाद जर्जर सड़कों की मरम्मत को लेकर अभियान शुरू किया गया था। बनाए गए प्रस्तावों के तहत शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों को गड्‌ढा मुक्ति अभियान की कार्ययोजना से जोड़ा गया था।
 

394 सड़कों को गड्‌ढा मुक्त करने की बनी थी योजना

हर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के मार्गों को किया गया था शामिल

फिर भी नहीं सुधरी दश

 इन गांवों के लोगों की कौन सुनेगा फरियाद

चंदौली बारिश के बाद जर्जर सड़कों की मरम्मत को लेकर अभियान शुरू किया गया था। बनाए गए प्रस्तावों के तहत शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों को गड्‌ढा मुक्ति अभियान की कार्ययोजना से जोड़ा गया था। मिले बजट से काम भी शुरू कराया गया। लेकिन, शासन से निर्धारित 31 अक्टूबर की समय सीमा बीत चुकी है और कई सड़कों की हालत अभी भी दुरुस्त नहीं हो सकी है। कुल मिलाकर अभियान कागजों में ही सिमट गया। सड़कों पर अभी भी गड्ढे ही गड्‌ढे नजर आ रहे 5 हैं।

हां, यह जरूर है कि प्रमुख मागौ के गड्ढे जरूर जैसे-तैसे भर दिए गए हैं। लेकिन, ग्रामीण मार्गों की दशा वैसी ही है। लोक निर्माण विभाग की और से जर्जर सड़कों की फेहरिस्त तैयार कराई गई। प्रस्ताव तैयार हुए। • जिलेभर की 394 सड़कों को गड्‌ढा मुक्त करने के लिए शासन को - लगभग 4.40 करोड़ का प्रस्ताव • भेजा गया था। लोनिवि के प्रांतीय व निर्माण खंड ने टेंडर प्रक्रिया पूरी करते हुए पहले चरण का काम शुरू कराया। इसके बाद 15 अक्टूबर की समय सीमा को बढ़ाकर शासन ने 31 अक्टूबर कर दिया था। लेकिन, कागजों में ही सड़कें गड्‌ढा मुक्त हो गई हैं। दैनिक जागरण ने ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों की पड़ताल की तो अभियान की पोल खुली।

 जागेश्वरनाथ हाजीपुर मार्ग: इस मार्ग की लंबाई पांच किमी. है। पंचफेड़िया, ढोलकिया, टड़िया, टकटकपुर, भटवारा, हाजीपुर, सेमरौर, गढ़वा दक्षिणी आदि गांवों के लोगों का आवागमन होता है। इस मार्ग पर अगिनत गड्ढे बन गए हैं। पैचिंग उखड़ गई है। इसी रास्ते से दस दिन पूर्व जिले के अफसर गुजरे थे। निर्माणाधीन राजकीय आइटीआइ, प्रस्तावित पीएसी कैंप के साथ ही बाबा जागेश्वरनाथ धाम को इसी मार्ग से लोग बड़ी संख्या में आते-जाते हैं। आश्रम पद्धति विद्यालय भी इसी मार्ग पर है। 

हेतिमपुर कुंडा हेमैया मार्ग: इस रास्ते से नेवाजगंज पंप कैनाल पर नियुक्त कर्मचारी के साथ साथ अधिकारियों व किसानों का भी आना जाना लगा रहता है। इसकी लंबाई लगभग चार किमी है। एक वर्ष पहले ही इस मार्ग का नवीनीकरण किया गया था। हालत यह है कि सड़क जगह जगह धंस गई है। इस मार्ग पर 15-17 गड्ढे हैं। रात में इस सड़क पर आवागमन करना खतरे से खाली नहीं है। चकिया अहरौरा मुख्य मार्ग से प्रभुनारायणपुर, कुंडा हेमैया समेत कई राजस्व गांव जुड़े हुए हैं। ऊंचेहरा-भोका वांध मार्ग चकिया अहरौरा मुख्य मार्ग से जुड़ने वाली यह सड़क मुख्यमंत्री के गड्‌ढा मुक्त सड़क योजना में कभी भी शामिल नहीं सकी। जोगिया कला पुल के बाद से इस मार्ग का अस्तित्व संकट में है। इसके चलते ताजपुर, गढ़वा बस्ती, बलिया खुर्द व बलिया कला के ग्रामीणों की राह आसान नहीं है। उबड़-खाबड़, पथरीले व जर्जर इस मार्ग पर वह आवागमन के लिए विवश हैं। भोका वांघ पर पहुंचने का यही मुख्य रास्ता है। चार किमी. लंबे इस मार्ग की मरम्मत पर आज तक ध्यान नहीं दिया गया।

अवरैड्या संपर्क मार्ग सैयदराजा- जमानियां मुख्य मार्ग से निकले अवरैड्या संपर्क मार्ग अनगिनत गड्ढे में तब्दील हो गया है। इससे इस मार्ग पर स्कूली बच्चों सहित आमजन को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मार्ग पर अक्सर ग्रामीण गिरकर चोटिल होते रहते हैं। 


ग्रामीणों की कहना है कि सड़क की मरम्मत के लिए कई बार जन प्रतिनिधियों व विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया गया। लेकिन, इस पर अभी तक अमल नहीं किया गया। तीन किमी. लंबे मार्ग की गिट्टियां उखड़ गई हैं। पैदल चलना भी दुश्वार है।

इन मार्गों की भी हालत दयनीय


परसिया-मुड्डा वाया धनाइतपुर, परसिया-जेवरियाबाद, चारी-दैथा, सकलडीहा- बरठी स्टेशन मार्ग, पढ़ौती-मगरही मार्ग, मगरही-शाहपुर मार्ग, मगरही-गहिला मार्ग, औरवाटाड़ बांध-सेमर साधोपुर मार्ग, मझगावां-शमशेरपुर मार्ग, बोझ मार्ग, चकरघट्टा-लक्ष्मनपुर मार्ग, जयमोहनी-अमरा भगवती मार्ग, गढ़वा मार्ग, जयमोहनी पोस्ता-नरकटी मार्ग, भैसौड़ा-नर्वदापुर मार्ग, केसार-बकुलघट्टा मार्ग की हालत अभियान के बाद दयनीय है।


इस संबंध में अधिशासी अभियंता कृष्ण कुमार ने बताया कि 31 अक्टूबर तक अभियान चलाकर सड़कों पर बने गड्‌ढों को भरवा दिया गया है। शेष ग्रामीण सड़कों पर बने गड्ढों को भरने के लिए नई कार्ययोजना तैयार की जा रही है। सभी सड़कों को गड्ढामुक्त करा दिया जाएगा।


 

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