Surgery in Government Hospitals : गर्भवती महिलाओं की सर्जरी में प्राइवेट सर्जनों की मदद लेगा स्वास्थ्य विभाग

चंदौली जिले में CMO ने की नयी तैयारी
सरकारी अस्पतालों में ऑपरेशन सुविधा बढ़ाने की नई पहल
विशेषज्ञों की कमी को देखते हुए निजी सर्जनों की ली जाएगी सहायता
ग्रामीण क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं को मिलेगा विशेष लाभ
चंदौली जिले में गर्भवती माताओं की सेहत के लिए यह खबर उपयोगी है। जनरल सर्जन कमी से जूझ रहे स्वास्थ्य विभाग ने नई पहल शुरू की है। इससे सरकारी अस्पतालों में प्रसव के दौरान आपरेशन किया जा सकेगा। इसमें निजी सर्जन की मदद ली जाएगी। इसके लिए उन्हें विभाग की ओर से आपरेशन और परामर्श शुल्क दिया जाएगा। इसके अलावा प्राइवेट एनेस्थीसिया (निश्वेतक) का सहयोग भी लेने का निर्णय लिया गया है। शासन की ओर से यह कवायद विशेषज्ञों की कमी को देखते हुए की जा रही है। इससे खासकर ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को विशेष लाभ मिलेगा। इस व्यवस्था के बाद उन्हें जिला अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा।

आपको बता दें कि जिला अस्पताल, जिला संयुक्त चिकित्सालय चकिया व राजकीय चिकित्सालय महिला पीडीडीयू नगर में ही जनरल सर्जन व मुख्य एनेस्थीसिया तैनात हैं। जनपद के 11 सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इनकी कमी है। इनमें अधिकांश चिकित्सालयों में स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ भी नहीं हैं। यहां प्रतिदिन औसतन 30-35 का ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराया जाता है। ऐसे में आपरेशन के लिए उन्हें रेफर भी किया जाता हैं। समय से आपरेशन नहीं होने के कारण अस्पतालों में आने वाली गर्भवती महिलाओं की कई बार हालत बिगड़ जाती है। कई बार तो एंबुलेंस में ही प्रसव हो जाते हैं। ऐसे में जच्चा-बच्चा की जान को खतरा रहता है। इस समस्या से राहत पाने के लिए विभाग ने आपात समय में गर्भवती महिलाओं के आपरेशन के लिए निजी शल्य चिकित्सकों को सेवा देने के लिए आमंत्रित किया है।

आपरेशन और यात्रा का मिलेगा शुल्क: सर्जन को दिन में आपरेशन करने पर दो हजार और एक हजार यात्रा शुल्क देय होगा। रात के समय आपरेशन का चार हजार और एक हजार यात्रा किराया देय होगा। प्रत्येक विजिट व परामर्श पर 1500 रुपये अलग से देय होगा। एनेस्थीसिया को दिन के लिए एक हजार और रात में दो हजार का शुल्क देय होगा।
सरकारी खर्च पर निजी सेंटरों में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था अधिकांश सरकारी अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं है। इसके लिए शासन ने निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरों से अनुबंध किया है। यहां गर्भवती महिलाओं का निश्शुल्क अल्ट्रासाउंड किया जाता है। इसके लिए इन सेंटरों को स्वास्थ्य विभाग ने क्यूआर कोड की सुविधा से जोड़ा है। गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों से रसीद दी जाती है। महिलाएं इन सेंटरों पर अल्ट्रासाउंड कराती हैं। इसका शुल्क विभाग की ओर ही से वहन होता है।
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