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स्कूल की शिक्षिका की शर्मनाक करतूत, छोटे बच्चों के प्राइवेट पार्ट की जांच का आरोप, परिजनों में आक्रोश

जब कुछ दिनों से बच्चों के व्यवहार में अचानक बदलाव देखने पर उनके चिंतित परिजनों ने उनसे पूछताछ की। बच्चों ने हिम्मत जुटाकर शिक्षिका की करतूतों का खुलासा किया।
 

परिजनों ने मुगलसराय थाने में दी लिखित तहरीर

पुलिस ने मामला दर्ज कर शुरू की जाँच

स्कूल प्रशासन पर मामले को दबाने का आरोप

चंदौली जिले के एक प्रतिष्ठित निजी विद्यालय की महिला शिक्षिका की घिनौनी करतूत सामने आने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के पड़ाव स्थित इस नामी स्कूल की शिक्षिका पर बच्चों को बहला-फुसलाकर अपने कमरे में ले जाने और उनके प्राइवेट पार्ट की जांच करने का गंभीर आरोप लगा है। इस शर्मनाक हरकत के खुलासे के बाद स्कूल में पढ़ने वाले मासूम बच्चों और उनके अभिभावकों में दहशत और आक्रोश का माहौल है।

स्कूल प्रशासन पर मामले को दबाने का आरोप
यह पूरा मामला तब सामने आया, जब कुछ दिनों से बच्चों के व्यवहार में अचानक बदलाव देखने पर उनके चिंतित परिजनों ने उनसे पूछताछ की। बच्चों ने हिम्मत जुटाकर शिक्षिका की करतूतों का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि टीचर उन्हें अलग-अलग बहाने से कमरे में बुलाती थी और उनके साथ अनुचित व्यवहार करती थी। यह सुनकर परिजन गहरे सदमे में आ गए और उनका गुस्सा फूट पड़ा।

आक्रोशित परिजनों ने तत्काल स्कूल प्रशासन से मामले की शिकायत की, लेकिन आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने इस संवेदनशील और गंभीर मामले को दबाने की कोशिश की और बात को बाहर न आने देने का प्रयास किया। स्कूल की इस भूमिका पर भी अब गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

पुलिस ने मामला दर्ज कर शुरू की निष्पक्ष जाँच
विद्यालय प्रशासन से न्याय न मिलने पर, अभिभावकों ने आखिरकार मुगलसराय थाने का रुख किया और लिखित तहरीर देकर पूरे प्रकरण की जानकारी दी। पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए तत्काल सुसंगत धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और गहन जांच शुरू कर दी है।

इस संबंध में डीडीयू नगर क्षेत्राधिकारी कृष्ण मुरारी शर्मा ने मीडिया को बताया कि शिकायत मिलते ही पुलिस टीम को तत्काल विद्यालय भेजा गया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि जांच पूरी तरह से निष्पक्षता से की जा रही है, और जांच में जो भी व्यक्ति दोषी पाया जाएगा, चाहे वह शिक्षिका हो या स्कूल प्रशासन का कोई सदस्य, उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र के अभिभावक सकते में हैं और उन्होंने दोषी शिक्षिका के साथ-साथ मामले को दबाने की कोशिश करने वाले स्कूल प्रशासन के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही की मांग की है। यह घटना शिक्षा के पवित्र मंदिर में बच्चों की सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है।

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