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पुलिया एक बनवाना चाहते हैं दो-दो विभाग, पास करा लिए हैं पैसे

अब देखना है कि पुलिया का निर्माण कौन विभाग कब तक करवाता है। पुलिया का निर्माण शुरू होने के बाद बंद होने से ग्रामीणों की खुशी भी काफूर हो गई है।
 

काम कराने को लेकर दोनों विभागों में ठनी

पीडब्ल्यूडी ने कार्य कराया शुरू तो डाला अड़ंगा

सिंचाई विभाग ने अपनी पुलिया बताकर रोकवा दिया काम

मांगी गयी NOC पर नहीं दिया जवाब

चंदौली जिले के कंदवा क्षेत्र में एक पुलिया बनाने का जिम्मा दो विभागों ने ले लिया। इसके बाद एक विभाग ने कार्य आरंभ किया तो दूसरे विभाग ने रोकवा दिया। इस बात की चर्चा शुक्रवार को होती रही। मामला कंदवा क्षेत्र के घोसवा गांव के पास नारायनपुर पंप कैनाल से निकली नहर पर बन रही नई पुलिया का है।

आपको बता दें कि दरअसल इस पुलिया को पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग दोनों ने अपनी-अपनी कार्ययोजना में शामिल कर लिया था। शासन की ओर से करीब 50 लाख रुपये की कार्ययोजना की मंजूरी पीडब्ल्यूडी को मिली तो विभाग ने कार्य आरंभ कर दिया। इसकी भनक सिंचाई विभाग को लगी तो उसने पीडब्ल्यूडी को अपने विभाग की पुलिया बताकर कार्य रोकने को कह दिया। इसपर पीडब्ल्यूडी ने कार्य रोक दिया है।

अब देखना है कि पुलिया का निर्माण कौन विभाग कब तक करवाता है। पुलिया का निर्माण शुरू होने के बाद बंद होने से ग्रामीणों की खुशी भी काफूर हो गई है। बरहनी घोसवा मार्ग पर घोसवा गांव के समीप नारायनपुर पंप कैनाल से निकली बड़ी नहर पर बनी पुलिस 12 वर्ष से ज्यादा समय से क्षतिग्रस्त है। उसकी रेलिंग भी नहर में गिर चुकी है। इससे कई लोग नहर में गिरकर घायल भी हो चुके हैं।

चंद्रप्रभा प्रखंड के एक्सईएन बोले -
इस संबंध में चंद्रप्रभा प्रखंड के एक्सईएन सर्वेशचंद्र सिन्हा ने बताया कि पीडब्ल्यूडी विभाग ने बिना अनुमति लिए पुलिया का निर्माण कार्य आरंभ करवा दिया था जबकि पुलिया सिंचाई विभाग के अंतर्गत आती है। पुलिया की मरम्मत की कार्ययोजना बनाकर शासन को भेजी गई थी, जिसे मंजूरी भी मिल गई है।

पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन का दावा -
इस संबंध में पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन राजेश कुमार ने बताया कि क्षेत्र की जनता की मांग पर सड़कों की कार्ययोजना बनाते समय पुलिया को भी योजना में शामिल किया गया था। शासन से मंजूरी व धन मिलने के बाद कार्य आरंभ कराया गया। इसके लिए सिंचाई विभाग को पहले ही नो ऑब्जेशन के लिए पत्र प्रेषित किया गया था। वहां से कोई जवाब न मिलने पर कार्य आरंभ कराया गया था। हालांकि सिंचाई विभाग के आपत्ति जाहिर करने पर कार्य रोकवा दिया गया है।

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