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चंदौली में अवैध कोचिंग सेंटरों पर गिरेगी गाज, जल्द मारे जाएंगे छापे

विभागीय जांच में खुलासा हुआ है कि चंदौली में संचालित सभी कोचिंग सेंटर अवैध हैं, क्योंकि वर्ष 2022 के बाद किसी भी संस्था ने अपने पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं कराया है।
 

चंदौली में 250 से अधिक कोचिंग अवैध

2022 के बाद किसी ने नहीं कराया नवीनीकरण

बिना फायर एनओसी चल रहे कई संस्थान

बिना पंजीकरण वाले सेंटर होंगे सील

चंदौली जिले में शिक्षा विभाग ने अब अवैध रूप से चल रहे कोचिंग सेंटरों पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है। विभागीय जांच में खुलासा हुआ है कि चंदौली में संचालित सभी कोचिंग सेंटर अवैध हैं, क्योंकि वर्ष 2022 के बाद किसी भी संस्था ने अपने पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं कराया है।

रिकॉर्ड के मुताबिक, 2022 तक सिर्फ 48 कोचिंग सेंटर मान्यता प्राप्त थे, लेकिन इसके बाद किसी ने नियमों के अनुसार नवीनीकरण नहीं कराया। परिणामस्वरूप, जिले में चल रहे 250 से अधिक कोचिंग सेंटरों की वैधता समाप्त हो चुकी है।

शिक्षा विभाग के अनुसार, कई कोचिंग संस्थान बेसमेंट में चल रहे हैं, जबकि नियमानुसार बेसमेंट में कोचिंग या लाइब्रेरी खोलना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसके अलावा, फायर एनओसी, सुरक्षा मानकों, और शौचालय व पेयजल जैसी अनिवार्य सुविधाओं का भी पालन नहीं किया जा रहा।

जिला विद्यालय निरीक्षक देवेन्द्र सिंह ने बताया कि अवैध कोचिंग सेंटरों पर कार्रवाई के लिए विशेष जांच टीम गठित की गई है, जो जिले के विभिन्न इलाकों में जाकर कोचिंग सेंटरों और पुस्तकालयों की जांच करेगी। जिन संस्थानों के पास वैध पंजीकरण, फायर एनओसी या सुरक्षा मानक पूरे नहीं होंगे, उन्हें सील कर दिया जाएगा।

नियमों के अनुसार, कोचिंग सेंटर का क्षेत्रफल कम से कम 500 वर्ग मीटर होना चाहिए और यह 18 मीटर से कम चौड़ी सड़क पर नहीं खुल सकता। प्रत्येक क्लासरूम में प्रति छात्र 1.75 वर्ग मीटर जगह अनिवार्य है, और 10% क्षेत्रफल कार्यालय, स्टाफ रूम व टॉयलेट के लिए आरक्षित होना चाहिए।

अभिभावकों ने विभाग की इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि लंबे समय से अवैध कोचिंग सेंटरों की शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही थी। अब इस कदम से न केवल शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि छात्रों की सुरक्षा और पारदर्शिता भी सुनिश्चित हो सकेगी।

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