नौगढ़ में बरसाती आफत से परेशान हैं 10 गांवों के लोग, ढह गए सैकड़ों मकान..कहां है प्रशासन
2 दिन की बारिश ने मचाई तबाही
10 गांवों में सैकड़ों कच्चे मकान ढहे
कई गांवों में अभी भी बिजली गुल
अंधेरे में डूबा है अधिकांश इलाका
सांप-बिच्छू का बढ़ा खतरा बढ़ने से दहशत में ग्रामीण
चंदौली जिले की तहसील नौगढ़ में झमाझम बारिश ने तबाही मचा दी है। करीब दस गांव की बस्तियां पूरी तरह जलमग्न हैं, घरों में नालियों का गंदा पानी घुस गया है, पोल गिरने से बिजली आपूर्ति ठप है और कच्चे मकान गिरने लगे हैं। परिवार खुले आसमान के नीचे शरण लेने को मजबूर हैं। हालात बेकाबू हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर इस आपदा की घड़ी में प्रशासनिक जिम्मेदार और एसडीएम साहब कहां गायब हैं? क्या उनका काम सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया है।
आपको बता देे कि विकास खंड नौगढ़ के भैंसौड़ा, देवखत, रिठिया, लौवारी कला, बाघी, अमदहां चरनपुर, मरवटिया, महादेवपुर, देवरी कला और टिकुरिया गांव में वनवासी बस्तियों के हालात बेहद खराब हैं। हर गली में गंदा पानी भरा है।

बाघी गांव के वनवासी खरपत्तू की पत्नी ने रोते हुए कहा – “दो दिन से घर में घुटनों तक पानी भरा है। चूल्हा तक नहीं जल पा रहा। छोटे-छोटे बच्चे बुखार और खांसी से तड़प रहे हैं, लेकिन कोई अधिकारी हाल पूछने तक नहीं आया। दवा तो दूर, एक राशन का पैकेट भी नहीं मिला।” नैया घाट के लोगों ने बताया कि नगवा बांध से पानी छोड़े जाने के बाद पूरा टोला टापू में बदल जाता है। हम लोग दिन-रात चारपाई पर चढ़कर गुजार रहे हैं। खाने पीने और राशन का इंतजाम करना मुश्किल हो गया है।

बिजली खंभा गिरने से गांव अंधेरे में डूबा
तेज हवा और मूसलधार बारिश ने गांवों की बिजली व्यवस्था भी चरमराकर रख दी है। बजरडीहा गांव के प्रधान संजय यादव ने बताया कि पड़हवा गांव में बिजली पोल गिर जाने से आपूर्ति पूरी तरह बंद है। उनका कहना है – “अंधेरे में रात गुजारना किसी खौफ से कम नहीं। सांप-बिच्छू का डर अलग, बच्चों और बुजुर्गों की हालत बिगड़ रही है। फोन पर अधिकारी बात करना तो दूर, रिसीव तक नहीं करते। अगर रात में कोई हादसा हो जाए तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?”

ढह गया बबुंदर निषाद का मकान
बरसात और सीलन से कई गांवों में कच्चे मकान जमींदोज हो चुके हैं। बाघी गांव के बबुंदर दर निषाद का मकान ढहने के बाद पूरा परिवार पन्नी डालकर पेड़ के नीचे जिंदगी काट रहा है। वे सवाल उठाते हैं – “लेखपाल आखिर कहां हैं? कौन हमारी गिनती करेगा और मुआवजा आखिर कब मिलेगा?” मझगाई और बसौली गांव में भी आधा दर्जन मकान गिर गए हैं। मझगाई के मराछु का कहना है कि उनके मकान की दीवारें फट गईं और अब परिवार खुले में आ गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी हालत देखकर भी अधिकारी आंख मूंदे हुए हैं।

प्रधान यशवंत सिंह यादव का बड़ा बयान
लौवारी कला पंचायत के प्रधान यशवंत सिंह यादव ने प्रशासन की पोल खोलते हुए कहा – “दो दिन की बारिश में धर्मेंद्र, आशा, ओमप्रकाश, राम जग, संगीता, मीरा, महेंद्र और बिंदु का कच्चा मकान गिर चुका है। इन सभी प्रभावित परिवारों की पूरी जानकारी, आधार कार्ड और बैंक खाता नंबर तक मैंने एसडीएम साहब के व्हाट्सएप पर भेज दिए हैं। लेकिन अब तक न लेखपाल गांव पहुंचा और न ही किसी सर्वे की शुरुआत हुई। आखिर प्रशासन किसका इंतजार कर रहा है?”
प्रधान ने यह भी कहा कि गांव वाले पूरी तरह बेहाल हैं और अगर तुरंत राहत सामग्री और मुआवजा नहीं मिला तो उनका गुस्सा सड़कों पर फूटेगा।
लगातार हो रही बारिश से परेशान ग्रामीणों ने साफ कहा कि एसडीएम साहब मौके पर क्यों नहीं हैं? न तो राहत सामग्री पहुंचाई गई है और न ही कोई सर्वे टीम उतरी है। लोग आरोप लगा रहे हैं कि तहसील प्रशासन केवल कागजों पर राहत दिखाता है, जबकि जमीनी सच्चाई बिल्कुल उलट है।
ग्रामीणों ने अल्टीमेटम दिया है कि अगर जल्द ही बिजली बहाल नहीं हुई और ढहे मकानों की सूची बनाकर मुआवजा नहीं दिया गया तो वे मजबूर होकर सड़क पर उतरेंगे और बड़ा आंदोलन करेंगे।
Tags
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*






