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चंदौली और बनारस को जोड़ेगा राजघाट सिग्नेचर ब्रिज, 6 लेन सड़क के साथ होगा 4 रेलवे ट्रैक

चार साल में बनकर तैयार होने वाला नया ब्रिज मौजूदा राजघाट ब्रिज से ठीक दो गुना होने से एक समय में ज्यादा वाहन फर्राटा भर सकेंगे तो एक समय में अप और डाउन लेन से चार ट्रेनें तीन गुना ज्यादा रफ्तार से आ-जा सकेंगी।
 

राजघाट सिग्नेचर ब्रिज को मिली केंद्र की मंजूरी

6 लेन सड़क के साथ 4 रेल ट्रैक पर एक साथ दौड़ेंगी गाड़ियां

वाराणसी जिले को केन्द्र सरकार ने एक और सौगात दी है, जिसमें गंगा नदी पर 1200 करोड़ रुपये की लागत से सिग्नेचर ब्रिज शामिल है। आज इसको केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई है। पटना के बाद वाराणसी में बनने वाला सिग्नेचर ब्रिज में सिक्स लेन की सड़क होगी और ट्रेनों के लिए नीचे चार रेल ट्रैक भी बिछाए जाएंगे।

बताया जा रहा है कि इस ट्रैक पर 100 किलोमीटर से ज्यादा रफ्तार से ट्रेनें दौड़ सकेंगी। नए पुल की सिक्स लेन सड़क वाराणसी से चंदौली, बिहार होते हुए पश्चिम बंगाल तक की राह आसान करेगी। सिग्नेचर ब्रिज जिस काशी स्टेशन से जुड़ेगा,  उसके पुनर्विकास के लिए 300 करोड़ रुपये मंजूर हुए है।
इसके लिए आईआईटी बीएचयू और रुड़की के साथ ही पुरातत्व विभाग की ओर से अनुमति मिल जाने से निर्माण शुरू करने की तैयारी है। इसको लेकर रेलवे और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ हाईलेवल बैठकों का दौर शुरू हो गया है।

सिग्नेचर ब्रिज बनारस में बनने वाले देश में अपने ढंग के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्लेटफार्म के तहत 'परिवहन संगम' का हिस्सा है। परिवहन संगम स्थल पर रोड, रेल, गंगा में फेरी सर्विस व रोप-वे से पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुविधा उपलब्ध होगी।

सिग्नेचर ब्रिज 1887 में बने बनारस के मालवीय पुल (राजघाट) के समानान्तर और नए इंटर मॉडल काशी स्टेशन को केंद्र में रखकर बनेगा। दो फ्लोर वाले वर्तमान मालवीय पुल में दो रेलवे ट्रैक और चार लेन की सड़क है। इस पर से औसत 25 से 30 की गति से ही ट्रेनें गुजरती हैं। चार साल में बनकर तैयार होने वाला नया ब्रिज मौजूदा राजघाट ब्रिज से ठीक दो गुना होने से एक समय में ज्यादा वाहन फर्राटा भर सकेंगे तो एक समय में अप और डाउन लेन से चार ट्रेनें तीन गुना ज्यादा रफ्तार से आ-जा सकेंगी।

सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण से पूर्व पहले शहर में डायवर्जन लागू किया जाएगा। ट्रैफिक प्लानिंग व यूटिलिटी शिफ्टिंग प्लानिंग के लिए समितियों का गठन किया जाएगा। मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा ने यातायात विभाग को रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है, ताकि निर्माण के दौरान आमजन को किसी तरह की दिक्कत न होने पाए।

सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण के चलते राजघाट की तरफ से वाहनों का आवागमन रोका जा सकता है। ऐसे में वाराणसी से मुगलसराय जाने वाले वाहनों को बीएचयू, सामने घाट पुल से गुजारना होगा और उधर से आने वाले वाहनों को भी इसी रूट पर लाना होगा। इससे सामने घाट समेत बीएचयू लंका गेट पर भी यातायात काफी बढ़ जाएगा. ऐसे में ट्रैफिक कंट्रोल करना चुनौती होगी।

दरअसल, पुल निर्माण में लंबा समय लग सकता है। इतने लंबे समय तक रूट डायवर्जन को लागू कर सफल बनाना चुनौती है। ऐसे में अधिकारियों की टीम इस पर मंथन कर रही है। यातायात विभाग को सभी पहलुओं पर विचार कर अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है। इसको लेकर अगले सप्ताह सभी विभागों के अधिकारी स्थलीय निरीक्षण भी कर सकते हैं। वहीं कैंट स्टेशन पर वाहनों के लिए पार्किंग स्थल बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।

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