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राज्यसभा में उठी 'नारी अदालत' को देश भर में लागू करने की मांग, सांसद दर्शना सिंह ने कहा -क्रांतिकारी पहल

राज्यसभा सांसद दर्शना सिंह ने सदन में ‘नारी अदालत’ कार्यक्रम को पूरे देश में लागू करने की जोरदार मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि यह ‘मिशन शक्ति’ के तहत गाँव और पंचायत स्तर पर महिलाओं को सरल, त्वरित और सुलभ न्याय दिलाने की एक क्रांतिकारी पहल है। सांसद ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की और बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह कार्यक्रम असम और जम्मू-कश्मीर में अत्यंत सफल रहा है।
 

सांसद दर्शना सिंह ने की मोदी-योगी सरकार की तारीफ


भाजपा की महिला कल्याण नीतियों की सराहना की


 'नारी अदालत' के राष्ट्रव्यापी विस्तार की वकालत की


 'नारी अदालत' ग्रामीण महिलाओं के लिए क्रांतिकारी पहल

सांसद दर्शना सिंह ने राज्यसभा में उठाई मांग; कहा- ये  योजना महिलाओं को पंचायत स्तर पर दिलाएगी त्वरित न्याय

भाजपा सांसद दर्शना सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की और बताया कि पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा है।

राज्यसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान, चंदौली से सांसद श्रीमती दर्शना सिंह ने एक बार फिर सदन में ‘नारी शक्ति’ की प्रखर आवाज़ को बुलंद किया। उन्होंने अपने संबोधन में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से पूरे देश में 'नारी अदालत' कार्यक्रम को जल्द से जल्द लागू करने की पुरज़ोर माँग रखी। सांसद सिंह ने ज़ोर देकर कहा कि यह कार्यक्रम ग्रामीण और ज़रूरतमंद महिलाओं को उनके घरेलू विवादों और उत्पीड़न संबंधी छोटे मामलों में सरल, त्वरित और सुलभ न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल साबित हो सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण
सांसद दर्शना सिंह ने अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में महिला शक्ति के अभूतपूर्व उत्थान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में भारत की महिलाएँ आज हर क्षेत्र— चाहे वह कृषि हो, विज्ञान हो, स्टार्टअप जगत हो, खेल का मैदान हो, शिक्षा हो, पुलिस हो, सेना हो, प्रशासन हो या राजनीति— नई ऊँचाइयाँ छू रही हैं। यह बदलाव 'नारी सशक्तिकरण' के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

सांसद सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं को सुरक्षा, सम्मान और आर्थिक दृढ़ता प्रदान करने वाली ऐतिहासिक पहलों का भी विशेष उल्लेख किया। उन्होंने 'मिशन शक्ति', 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ', 'उज्ज्वला योजना', 'स्व-रोज़गार एवं सेल्फ हेल्प ग्रुप', 'लखपति दीदी' और 'जनधन-योजना' जैसी योजनाओं को महिला उत्थान के लिए मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं ने न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाया है, बल्कि उनके आत्मविश्वास और सामाजिक भागीदारी को भी बढ़ाया है।

'नारी अदालत': एक क्रांतिकारी सामुदायिक मध्यस्थता पहल
अपने संबोधन का केंद्र बिंदु ‘नारी अदालत’ कार्यक्रम पर रखते हुए, सांसद दर्शना सिंह ने बताया कि यह कार्यक्रम केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी 'मिशन शक्ति' के अंतर्गत चलाया जा रहा है। उन्होंने ‘नारी अदालत’ को समुदाय आधारित मध्यस्थता (Community Based Mediation) पर आधारित एक अनूठी पहल बताया, जो विशेष रूप से गाँव और पंचायत स्तर पर महिलाओं के छोटे उत्पीड़न, घरेलू विवादों और अधिकार संबंधी मामलों का त्वरित और प्रभावी समाधान करती है।

उन्होंने सदन को जानकारी दी कि यह कार्यक्रम वर्तमान में प्रायोगिक (Pilot) आधार पर असम और जम्मू-कश्मीर की 50-50 ग्राम पंचायतों में सफलतापूर्वक चल रहा है। इन क्षेत्रों में ‘नारी अदालत’ की सफलता दर बहुत उत्साहजनक रही है। ग्रामीण महिलाएँ अब बिना किसी डर या संकोच के अपने मुद्दे इन अदालतों के सामने रख रही हैं और स्थानीय स्तर पर ही उन्हें तत्काल राहत मिल रही है। सांसद सिंह ने कहा कि इससे महिलाओं का आत्मविश्वास चरम पर पहुँचा है और ‘नारी शक्ति’ को सामाजिक नेतृत्व की भूमिका में आगे आने का अवसर मिला है। उन्होंने जोर दिया कि ‘नारी अदालत’ एक ऐसी व्यवस्था है जो औपचारिक अदालतों के बोझ को कम करने और महिलाओं को उनके घर के पास ही न्याय दिलाने में सक्षम है।

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के नवाचारी प्रयास
सांसद दर्शना सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा महिला सुरक्षा और सम्मान के लिए उठाए गए कदमों को भी एक उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने 'एंटी-रोमियो स्क्वॉड', 'महिला हेल्पलाइन 1090', 'पिंक बूथ', 'महिला सुरक्षा बल', 'महिला बीट पुलिसिंग' और 'मिशन शक्ति' जैसे कई नवाचारी कार्यक्रमों के माध्यम से महिला सुरक्षा और सम्मान के नए मानक स्थापित किए हैं।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि योगी सरकार के प्रयासों से प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूहों को मज़बूती मिली है, 'लखपति दीदी योजना' को ज़मीन पर उतारा गया है, और महिला उद्यमिता को नई दिशा प्रदान की गई है। सांसद सिंह ने निष्कर्ष रूप में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी दोनों की नीतियों का मूल मंत्र एक ही है— “नारी सम्मान, नारी सुरक्षा और नारी सशक्तिकरण ही राष्ट्र की असली शक्ति है।”

राष्ट्रव्यापी विस्तार का आग्रह
अंत में, सांसद दर्शना सिंह ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से पुरज़ोर आग्रह किया कि 'नारी अदालत' कार्यक्रम की पायलट प्रोजेक्ट में मिली सफलता को देखते हुए, इसे बिना किसी विलंब के पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रव्यापी क्रियान्वयन से यह सुनिश्चित होगा कि देश की हर एक महिला को आसानी से न्याय, सुरक्षा और गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार प्राप्त हो सके। यह मांग सदन में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है।

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