जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

भाजपा नेताओं से पंगा लिया तो हटना तय, मुकेश तिवारी के बाद प्रियंका सिंह पर गिरी गाज ​​​​​​​

चंदौली जिला की इलिया थाने पर सोमवार तक तैनात रही थानाध्यक्ष प्रियंका सिंह का अचानक पुलिस लाइन के लिए संबद्ध किया जाना किसी के गले नहीं उतर रहा है। मंगलवार को आम जनमानस में यह चर्चा का विषय बना रहा कि आखिर अचानक ऐसा क्या हो गया
 

इलिया थाना से आखिर क्यों हटा दी गई थानाध्यक्ष प्रियंका सिंह

किससे अनजाने में ले लिया था पंगा

तबादले के बाद दिन भर होती रही चर्चा 

 

चंदौली जिला की इलिया थाने पर सोमवार तक तैनात रही थानाध्यक्ष प्रियंका सिंह का अचानक पुलिस लाइन के लिए संबद्ध किया जाना किसी के गले नहीं उतर रहा है। मंगलवार को आम जनमानस में यह चर्चा का विषय बना रहा कि आखिर अचानक ऐसा क्या हो गया कि प्रियंका सिंह को इलिया थाना से हटाकर पुलिस लाइन जाना पड़ा। आखिर किससे उन्होंने पंगा लिया कि पुलिस अधीक्षक को उन्हें हटाना पड़ा।

 जबकि इलिया थाना का निर्माण जबसे हुआ है तबसे पहली दफा इलिया थाना के लिए किसी महिला थानेदार के लिए प्रियंका सिंह को नियुक्त किया गया था। पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हें ने 5 माह पूर्व प्रियंका सिंह को मुगलसराय से स्थानांतरण कर इलिया थानाध्यक्ष के रूप में नवीन तैनाती दी थी। सूत्र बताते थे कि उस वक्त प्रियंका सिंह पारिवारिक कारणों से इलिया आना नहीं चाहती थी। लेकिन तबादला होना सरकारी नौकरी का एक हिस्सा है वह भी पुलिस विभाग में तबादला होना कोई नई बात नहीं है। कई दिन बाद यह सोचकर उन्होंने इलिया थाना का कार्यभार ग्रहण किया था।

 उनका 5 माह का कार्यकाल भी ठीक-ठाक रहा। अल्प समय की इस कार्यकाल में उन्होंने पारिवारिक विवाद से लेकर कई अहम मामले समझा बूझाकर निपटाए। लेकिन अचानक ऐसा क्या हो गया कि सब कुछ रातों-रात बदल गया और तबादले का आदेश मिलते ही महिला थानेदार को एक दिन दो दिन नहीं बल्कि घंटे 2 घंटे में रातों रात अपना सब कुछ समेट कर जाना पड़ा। आखिर क्या हो सकता है महिला थानेदार के तबादले की वजह आखिर क्यों हटा दी गई थानाध्यक्ष प्रियंका सिंह। उनके जाने के बाद यह यक्ष प्रश्न बनकर पूरे दिन चर्चा का विषय बना रहा। प्रियंका सिंह ने किससे पंगा लिया किसने उनका तबादला कराया।

  दूसरी तरफ चर्चा होती रही कि सत्ता पक्ष के लोगों से पंगा लेने के कारण ही पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हें ने तबादला आदेश जारी कर प्रियंका सिंह को तत्काल पुलिस लाइन बुला लिया। इनके तबादला में विधायक कैलाश खरवार आचार्य की भी अहम भूमिका मानी जा रही है। 

स्थानीय लोगों के द्वारा ऐसा कहा जा रहा है कि सत्तापक्ष के नेताओं का करीबी एक शख्स दारू पीकर हंगामा किया था, जिसको इलिया थाना प्रभारी ने सबक सिखाने की कोशिश की थी, जिसके बाद विधायक जी ने कप्तान को फोन करके के मामले में शिकायत की और उसके चलते उनको हटाने की पहल की गयी। 

वहीं प्रियंका सिंह की एक यह भी खूबियां रही हैं कि वह थानाध्यक्ष के पद पर रहते हुए किसी के दबाव के आगे झुकती नहीं रही है चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों ना हो। उनकी तबादला का एक यह भी खासियत माना जा रहा है। वैसे जिस तरह से एक महिला थानाध्यक्ष का तबादला अचानक हुआ है उससे पुलिस विभाग की निष्पक्ष कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा करता है। 

पहले सैयदराजा के थाना प्रभारी मुकेश तिवारी और अब प्रियंका सिंह के तबादले ने पुलिस विभाग के थानाध्यक्षों व कोतवाली के प्रभारियों को संदेश दे दिया है कि अब अपने पद पर बने रहना होगा तो सत्ता पक्ष के लोगों की बात सुननी ही होगी, वर्ना थाने का चार्ज छिन सकता है। अब उनको सत्ता के दबाव में झुक कर ही कार्य करना होगा। जो पुलिस विभाग की निष्पक्षता के लिए सवालिया निशान भी खड़ा कर सकता है।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*