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संदहा-लौंदा झांसी मार्ग के चालू होने के फायदे, कम हो जाएगी बनारस से बिहार की दूरी, होंगे ये फायदे

वाराणसी जिले के राजातालाब से हरहुआ - होते हुए चिरईगांव के सदंहा से गंगा पार चंदौली के लौदा झांसी तक करीब 58 किमी लंबा निर्माणाधीन रिंग रोड की एक लेन का काम - फरवरी में पूरा हो जाएगा।
 

तीसरे फेज का काम जून 2025 तक होगा पूरा

रिंग रोड से जुड़ेंगे तीन राज्य और चार नेशनल हाईवे

बिहार-पंचफेड़वा से तीनों दिशा में होगा सीधा आना-जाना

सदंहा से गंगा पार चंदौली के लौदा झांसी तक का काम

करीब 58 किमी लंबा रिंग रोड की एक लेन का काम - फरवरी में होगा पूरा

 

वाराणसी जिले के राजातालाब से हरहुआ - होते हुए चिरईगांव के सदंहा से गंगा पार चंदौली के लौदा झांसी तक करीब 58 किमी लंबा निर्माणाधीन रिंग रोड की एक लेन का काम - फरवरी में पूरा हो जाएगा। तीसरे फेज में चल रहा इसकी दूसरी लेन का काम भी जून तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद इससे सीधे तीन राज्य और चार नेशनल हाईवे जुड़ जाएंगे। इससे बिहार और बनारस की दूरी भी कम हो जाएगी। गया जाने वालों का रास्ता और आसान हो जाएगा।

आपको बता दें कि वहीं चंदौली के लौंदा झांसी में नेशनल हाईवे में मिलने वाले रिंग रोड से चंदौली के साथ ही बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल सहित पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों से आने वाले वाहन भी इस रिंग रोड के जरिये शहर में बिना प्रवेश किए आजमगढ़, गोरखपुर, लखनऊ, जौनपुर, गाजीपुर के लिए आएंगे-जाएंगे। बिहार, कोलकाता, झारखंड जाने वाले वाहन अभी विश्वसुंदरी पुल से जा रहे है। काम पूरा होने के बाद चंदौली के पंचफेड़वा से होकर सीधे निकल जाएंगे। पंचफेड़वा से तीनों जगह से जा सकेंगे। इससे करीब डेढ़ घंटे की बचत होगी।

बता दें कि यह रिंग रोड राजातालाब में कोलकाता से दिल्ली तक जाने वाले नेशनल हाईवे, हरहुआ में वाराणसी-लखनऊ नेशनल हाईवे, लमही के आगे पांडेयपुर मार्ग पर वाराणसी-आजमगढ़ नेशनल हाईवे और चिरईगांव में वाराणसी-गोरखपुर नेशनल हाईवे को जोड़ रहा है।


पहले दो फेज का काम लगभग पूरा है और अब तीसरे फेज का काम होना है। विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी में बताया जा रहा है की नीति आयोग ने वाराणसी के साथ-साथ गाजीपुर, जौनपुर, चंदौली और मिर्जापुर के साथ-साथ भदोही जिले को जोड़कर एनसीआर के तर्ज पर वृहद बनारस की संकल्पना तैयार की है, जिसमें वाराणसी को केंद्र बिंदु बनाकर आसपास के जिलों में आवास, परिवहन व रोजगार के साथ-साथ तमाम अन्य सुविधाओं को विकसित किए जाने का काम किया जाना है। इस योजना को धरातल पर लाने के लिए अक्टूबर महीने से काम शुरू होने की संभावना है।

एनसीआर की तर्ज पर बनारस के विकास को इस तरह गति दी जाएगी कि भविष्य में यहां आबादी बढ़ने पर आसपास के जिलों तक में आवासीय क्षेत्र विकसित किए जा सकें। दिल्ली की तर्ज पर रोजगार के लिए लोग वाराणसी आएंगे और शाम को लौट जाएंगे। इससे वाराणसी के साथ ही आसपास के जिलों में भी महानगर की सुविधाएं विकसित होंगी।

शासन स्तर पर नीति आयोग के अधिकारियों के साथ मंथन के बाद वाराणसी के मंडलायुक्त को इस परियोजना का नोडल बनाया गया है। वे सभी जिलों के जिलाधिकारियों व मंडलायुक्त से समन्वय कर उन जिलों के विकास संभावनाओं की रिपोर्ट तैयार करेंगे। इसके साथ ही योजना विभाग के दो अधिकारियों की नियुक्ति वाराणसी में की गई है।

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