पूर्व सांसद छोटेलाल का टिकट खतरे में, जाति के प्रमाण पत्र पर उठने लगे सवाल, जितेन्द्र ने भी भरा पर्चा
चंदौली जिले का जाति प्रमाण पत्र
सोनभद्र जिले का निवास प्रमाण पत्र
खरवार जाति का प्रमाण पत्र को लेकर दुविधा की स्थिति
अनुसूचित जाति व जनजाति के चक्कर में पर्चा हो सकता है खारिज
सपा ने भरवा दिया जितेन्द्र कुमार का पर्चा
चंदौली जिले के पड़ोस की सीट रॉबर्ट्सगंज (सु) लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार को प्रत्याशी घोषित किया है। भाजपा से छलांग मारकर सपा में आए पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार को समाजवादी पार्टी ने काफी जद्दोजहद के बाद उम्मीदवार घोषित किया था और 13 मई को अपना नामांकन भी कर दिया। लेकिन पूर्व सांसद का नामांकन खारिज होने की सम्भावना बनते दिखी तो पार्टी के निर्देश पर जितेन्द्र कुमार ने भी एक नहीं दो-दो नामांकन कर दिए।
सूत्रों से मिली जानकारी में बताया जा रहा है कि उनकी जाति का खरवार है। वह 2014 में चन्दौली जिले के नौगढ़ के पते पर सांसद बने थे, लेकिन इस बार वे अपना नामांकन सोनभद्र के पते पर किए हैं, जबकि सोनभद्र जिले में खरवार जाति का प्रमाण पत्र अनुसूचित जनजाति का बनता है। शायद इसी को देखते हुए पूर्व सांसद ने अपनी पत्नी मुनिया देवी का भी नामांकन करवा दिया है, लेकिन वह भी सोनभद्र जिले से ही अनुसूचित जाति की सीट से जिला पंचायत सदस्य हैं।
ऐसा कहा जा रहा है कि छोटेलाल खरवार ने पर्चा भरते समय चंदौली जिले का जाति प्रमाण पत्र और सोनभद्र जिले का निवास प्रमाण पत्र लगाया है और खुद को सोनभद्र जिले का निवासी बताया है। ऐसी स्थिति में उनके जाति पर सवाल उठ सकता है। उसी के चलते सपा ने यह चाल चली है।
कहा जा रहा है कि उनका नामांकन 14 मई को अंतिम समय में इसी सेफ साइड को देखते हुए कराया गया है। वहीं पूर्व सांसद के पर्चा खारिज की सम्भावना को देखते हुए चकिया के पूर्व विधायक व सपा नेता जितेंद्र कुमार एडवोकेट ने भी मंगलवार को सपा उम्मीदवार तथा निर्दल उम्मीदवार के तौर पर दो सेट में नामांकन किया है।
कहा जा रहा है कि पूर्व विधायक जितेन्द्र कुमार एडवोकेट के नामांकन करने से मामला दिलचस्प हो गया है।अब नामांकन जांच के बाद ही स्थित स्पष्ट हो पाएगी कि सपा का असली कैंडीडेट कौन है और कौन चुनाव लड़ने के काबिल है।
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