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रोहिताश पाल हत्याकांड: फरार शूटरों को पकड़ने में नाकाम है पुलिस, परिजन पहुंचे मुख्यमंत्री दरबार

दवा व्यवसाई रोहिताश पाल की हत्या के बाद पुलिस अब तक शूटरों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पुलिस की नाकामी से आहत होकर परिजन सदर विधायक के साथ मुख्यमंत्री दरबार पहुँचे, जहाँ उन्हें न्याय का आश्वासन मिला।

 
 

 पुलिस पिकेट के चंद कदम की दूरी पर हुई हत्या

 मुख्यमंत्री ने दिया अपराधियों पर कड़ी कार्यवाही का आश्वासन

 साजिशकर्ताओं की गिरफ्तारी पर शूटरों तक नहीं पहुँची पुलिस

 घटना के बाद चार्ज पर रहे प्रभारी एक घंटे बाद मौके पर पहुंचे

 हत्याकांड के बाद इंस्पेक्टर अपराध चंद्रकेश शर्मा ने बदसलूकी की

चंदौली जिले में 18 नवंबर की रात्रि नौ बजे जिले के व्यस्ततम बाजार में गोली की तड़तड़ाहट से दहशत फैल गई। यह घटना मिनी महानगर के रूप में जाने जाने वाले क्षेत्र में हुई थी। दवा व्यवसाई रोहिताश पाल की हत्या पुलिस पिकेट से महज कुछ ही कदम की दूरी पर बदमाशों ने गोली मारकर कर दी। हत्या को अंजाम देने के बाद अपराधी पैदल ही मौके से निकल गए। इस घटना की जानकारी होने पर, चार्ज पर रहे प्रभारी एक घंटे बाद मौके पर पहुंचे, तब तक हत्यारा काफी दूर निकल चुका था।Rohitas Pal murder case Chandauli  Drug businessman shot dead 18 November

जांच एजेंसियों के हाथ खाली
व्यवसाई की हत्या की सूचना मिलते ही आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और पुलिस अधीक्षक ने हत्या के खुलासे के लिए आधा दर्जन थाना प्रभारियों को इस काम में लगा दिया। साइबर क्राइम ब्रांच को मुख्य भूमिका सौंपी गई, लेकिन इतनी सारी जाँच एजेंसियों के हाथ अब तक खाली हैं। पुलिस अब तक मुख्य शूटरों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है, जिसके कारण यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। सूत्रों के अनुसार, हमेशा घटना का नीचे से खुलासा होता है, और अपराधी कितना भी शातिर हो, कुछ न कुछ निशान जरूर छोड़ जाता है जो पुलिस के लिए सेतु का काम करता है।

साजिशकर्ताओं की गिरफ्तारी
हत्या के बाद ब्यापारी समाज में भारी आक्रोश था, जिसके चलते पक्ष और विपक्ष एकजुट होकर घटना को लेकर आंदोलन करने लगे थे। पुलिस ने रोहिताश की हत्या की कड़ी को जमीनी विवाद से जोड़ा और हत्या की साजिश में तीन लोगों को जेल भेज दिया। सूत्रों का मानना है कि साजिश में जेल जाने वालों में विधायक का एक नजदीकी भी शामिल है। इन लोगों के जेल जाने के बाद ही ब्यापारी समाज ने आंदोलन बंद कर दिया। हालांकि, साजिशकर्ता पकड़े जाने के बाद भी शूटरों तक पुलिस का न पहुंच पाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है।

मुख्यमंत्री दरबार पहुंचे परिजन
हत्यारे की गिरफ्तारी न होने से पीड़ित परिवार अभी भी सहमा हुआ है, भले ही उन्होंने तेरहवीं के बाद दुकान खोल दी है। पुलिस की नाकामी को देखते हुए, मंगलवार को पीड़ित परिवार सदर विधायक के साथ सीधे मुख्यमंत्री दरबार पहुंचा और अपनी व्यथा सुनाई। मुख्यमंत्री ने उनकी बात सुनी और अपराधियों पर कड़ी कार्यवाही कराने का संकेत व आश्वासन दिया है। इस बड़ी घटना में अब तक कोई विभागीय कार्यवाही भी नहीं हो पाई है। उस दिन चार्ज में रहे इंस्पेक्टर अपराध चंद्रकेश शर्मा ने परिजनों और व्यापारियों के साथ बदसलूकी की थी, जिससे स्थिति और बिगड़ गई थी। इस स्थिति को संभालने के लिए पुलिस अधीक्षक को अपने पीआरओ विजय बहादुर सिंह को घटनास्थल पर भेजना पड़ा था

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