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खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं बरंगा गांव के किसान, 300 बीघा जमीन फिर से ताल में दर्ज

सकलडीहा तहसील क्षेत्र के बरंगा गांव के समीप 335 एकड़ भूमि ताल के नाम से 1356 और 1359 फसली में दर्ज थी। इस पर किसानों ने ताल की भूमि अपने नाम से दर्ज कराकर खेती से लेकर मकान बनाकर रहते थे। 
 

नेताओं ने की राजनीति किसी ने नहीं की मदद

सारे लोग देते रहे झूठा आश्वासन

एडीएम के आदेश के बाद उठ रहे कई तरह के सवाल

जानिए अब क्या करने वाले हैं किसान

चंदौली जिले की सकलडीहा तहसील के बरंगा गांव की तीन सौ बीघा भूमि को फिर से रायल ताल के नाम से दर्ज करने के बाद कई किसान खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। एसडीएम अनुपम मिश्रा के न्यायालय ने वर्ष 2022 में दर्ज मुकदमे में फैसला सुनाते हुए 167.5 एकड़ (करीब तीन सौ बीघा) जमीन ताल के रूप में दर्ज कराने का आदेश जारी कर दिया है।

बताया जा रहा है कि इस गांव में कुल 335 एकड़ जमीन रायल ताल के नाम पर दर्ज है। इसमें से मौके पर मात्र 24 एकड़ जमीन बची है। एसडीएम न्यायालय में वर्ष 2022 में धारा 38 टू सरकार बनाम विश्वनाथ के तहत मुकदमा चल रहा था।

सकलडीहा तहसील क्षेत्र के बरंगा गांव के समीप 335 एकड़ भूमि ताल के नाम से 1356 और 1359 फसली में दर्ज थी। इस पर किसानों ने ताल की भूमि अपने नाम से दर्ज कराकर खेती से लेकर मकान बनाकर रहते थे।  वर्ष 2022 में 20 जून को धारा 38 टू के तहत एसडीएम न्यायालय में सरकार बनाम बासुदेव के नाम से अपील किया गया। इसके तहत किसानों को नोटिस जारी किया गया। इस मामले में सकलडीहा एसडीएम न्यायालय की ओर से सुनवाई व सरकारी वकील की बहस सुनने के बाद वाद संख्या 206 के तहत ऐतिहासिक फैसला किया गया है।

बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट की आदेश के आधार पर एसडीएम न्यायालय की ओर से 167.5 एकड़ भूमि ताल के नाम पर दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया गया है।

इस संबंध में एसडीएम अनुपम मिश्रा ने बताया कि 1356 और 1359 फसली के तहत ताल के नाम से बरंगा में 335 एकड़ भूमि दर्ज थी। मौके पर मात्र 24 एकड़ जमीन शेष बची थी। जांच व सुनवाई के बाद 167.5 एकड़ करीब तीन सौ बीघा जमीन को ताल के नाम से दर्ज करने का आदेश दिया गया है।

वहीं इस मामले पर गांव के किसानों का कहना है कि इस मामले में कई राजनेताओं व अधिकारियों ने हम लोगों को झूठा आश्वासन देकर केवल राजनीति की है। किसी ने कोई मदद नहीं की। वहीं न्यायालय में भी उनके पक्ष को दरकिनार करके एकतरफा आदेश जारी करके ताल की जमीन दर्ज की गयी है। इसके खिलाफ वे लोग कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

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