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मुगलसराय कोतवाली पुलिस के हत्थे चढ़ गया है मास्टर माइंड युवराज सिंह, देखिए कब होता है खुलासा

चंदौली समाचार ने इलाके के सीओ अनिरुद्ध सिंह से युवराज की गिरफ्तारी को लेकर पूछा तो उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी हमें नहीं है। जानकारी लेकर बताता हूं, लेकिन कई घंटे बीतने के बाद कोई रिप्लाई नहीं किया।
 

आरोपी युवराज सिंह को दो कांस्टेबल लेकर आए थे थाने

हाथ में लगी थी हथकड़ी

कोतवाली परिसर में ऑटो से उतारकर कारागार में किया है बंद

अभी कोई जानकारी नहीं दे रही है पुलिस

चंदौली जिले के पीडीडीयू नगर मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में स्थित सुरक्षा विभाग के आफिस से आरपीएफ जवानों के रुपये गबन होने के मामले में पुलिस के मामले का अभियुक्त व मास्टर माइंड युवराज सिंह पुलिस के हत्थे चढ़ तो गया है, लेकिन अभी पुलिस अपने पत्ते नहीं खोलना चाह रही है। इसके लिए अभी इंतजार करना होगा। इसकी गिरफ्तारी व पूरी कहानी पुलिस कुछ देर बाद बताना चाहती है। तभी तो पुलिस के सीओ और कोतवाल मुगलसराय पूरे मामले पर खामोशी साधे रहते हैं।

पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी में आरोपी युवराज सिंह को दो कांस्टेबल हथकड़ी लगाकर कोतवाली परिसर में ऑटो से उतारकर कारागार में बंद करने के लिए ले गए थे। वहीं कुछ देर बाद हेड कांस्टेबल ने पैसा गबन को लेकर पूछताछ भी कर रहे थे।

 चंदौली समाचार ने इलाके के सीओ अनिरुद्ध सिंह से युवराज की गिरफ्तारी को लेकर पूछा तो उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी हमें नहीं है। जानकारी लेकर बताता हूं, लेकिन कई घंटे बीतने के बाद कोई रिप्लाई नहीं किया। वहीं जब दीनदयाल पांडेय को सीयूजी नंबर पर कॉल किया गया तो उन्होंने कॉल तक रिसीव नहीं किया। कोतवाल साहब केवल खास लोगों के फोन सीयूजी के जगह पर्सनल नंबर पर उठाना पसंद करते हैं।

मामले में चर्चा है कि पुलिस आरपीएफ के साथ मिलकर जल्द ही मामले में संलिप्त आधा दर्जन कर्मचारियों पर कार्रवाई को तलवार लटकी है। वहीं कोतवाली पुलिस पैसे ट्रांसफर हुए एकाउंट की विवेचना कर रही है। इसी कड़ी में कई और लोगों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है, ताकि पूरे रैकेट में शामिल लोगों का पता लगाया जा सके।
 
मामले में आरपीएफ के वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त जितिन बी राज को सूत्रों से पता चला था कि कई वर्षों से कर्मियों के वेतन से होने वाले पीएफ की कटौती में अनियमितता की जा रही है। इसके बाद कमांडेंट ने जांच टीम गठित को थी। तो मामले में कई सुराग मिले। इस अनियमितता के संबंध में रेलवे सुरक्षा बल की जांच टीम द्वारा प्रारंभिक जांच में पाया गया कि उपरोक्त आरक्षी के अलावा अन्य स्टाफ का किसी भी सक्षम अधिकारी के अनुमति के बिना ही बैंक खाता को बदल कर उसमें राशि को भुगतान की गई है।

इस मामले में कमांडेंट ने ग्राम पेरीखेड़ा, भाना पाटमपुर, जिला कानपुर नगर (उप्र) निवासी बिलिंग क्लर्क युवराज सिंह को तत्काल प्रभाव से निलवित कर दिया था। सहायक सुरक्षा आयुक्त ने एफआइआर युवराज सिंह, उसको पत्नी नीतू स्थित व अन्य अज्ञात के विरुद्ध कानून सम्मत कारवाई के लिए कोतवाली मुगलसराय में दर्ज कराया था। इसके बाद से आरपीएफ व कोतवाली पुलिस अपने-अपने स्तर जांच कर रही है।

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