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देखिए DM साहब BSA के बाबुओं का खेल, इनकी लापरवाही से नहीं मिल पा रहा है बच्चों का RTE का पैसा

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से 31 मार्च  को वर्ष का क्लोजिंग होने पर आनन फानन में वेबसाइट से अभिभावक का डाटा डाउनलोड करके ट्रेजरी ऑफिस में भेज दिया गया था।
 

सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर सवाल

बाबुओं के द्वारा लगाया जा रहा पलीता

डीएम साहब आप ही दिलवा दीजिए इन गरीबों के RTE का पैसा

चंदौली जिले में विभागीय लापरवाही के कारण सरकार के महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक योजना जो RTE है। जो की गैर सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों में अलाभित समूह एवं दुर्लभ वर्ग के कमजोर बच्चों को यूनिफॉर्म तथा पाठ्य पुस्तकों के लिए ₹5000 प्रति छात्र की दर से सरकार के द्वारा वित्तीय सहायता की धनराशि छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में प्रेषित की जाती है। जिससे कि गरीब तपके के बच्चों को अच्छी आगे की शिक्षा मुहैया कराई जा सके।

बताते चलें कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से 31 मार्च  को वर्ष का क्लोजिंग होने पर आनन फानन में वेबसाइट से अभिभावक का डाटा डाउनलोड करके ट्रेजरी ऑफिस में भेज दिया गया था। जिसमें की एक्सेल शीट में डाउनलोड किए गए डाटा में से कुछ अभिभावकों के अकाउंट नंबर आईएफएससी कोड एक्सेल में गलत हो जाने के कारण अभिभावकों के खाते में पैसा नहीं जा पाया है। जिसके लिए अभिभावक व स्कूल के अध्यापक बीओ और बीएसए कार्यालय का हर रोज चक्कर लगा रहे हैं।

RTE Students

इस संबंध में BSA कार्यालय के आनंद बाबू से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 31 मार्च को शाम को विद्यालय के ग्रुप में सभी बच्चों का डाटा भेजा गया था। जो की स्कूल प्रबंधकों को संशोधित करने के लिए दिया गया था। उनके द्वारा संशोधन ना होने के कारण हम लोगों को लगभग 38 लाख रुपए शासन को वापस भेजना पड़ा।

वहीं पर विद्यालय के अध्यापकों से बात करने पर पता चला कि 31 तारीख को शाम को ग्रुप में मैसेज आया था कि सभी स्कूल के प्रबंधक व प्रधानाचार्य अपने विद्यालय के छात्रों के अभिभावकों का अकाउंट नंबर सही करके तत्काल कार्यालय पर संपर्क करें। वहीं पर शाम होने के कारण बहुत से विद्यालयों के द्वारा डाटा उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण बच्चों का आरटीई का पैसा उनके अभिभावक के खाते में नहीं पहुंच पाया है।

RTE Students

वहीं पर कुछ अभिभावकों का कहना है कि हम लोगों का सब कुछ सही था और इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में खाता रहने के कारण से उसके अकाउंट में जीरो पहले लगा रहता है और विभाग के लापरवाही के कारण एक्सेल फाइल में जो डाटा डाउनलोड किया गया था उसमें से उनके द्वारा जीरो नहीं लगाने की वजह से बहुत सारे अभिभावकों का RTE का पैसा उनके खाते में नहीं जा पाया है। और हम लोग कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। और इन लोगों के द्वारा कोई आश्वासन नहीं दिया जा रहा है। अभिभावकों के द्वारा कहना है कि अब हम लोगों के बच्चे अब अगले सत्र में कैसे पढ़ाई करेंगे।

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