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बंदरगाह परियोजना को लेकर अखिलेश यादव हुए गंभीर, मोदी सरकार की योजना को बताया गलत

अखिलेश यादव ने इस मौके पर कहा, “यह सरकार गरीबों की जमीन हड़पने में लगी है। लोकतंत्र और संविधान को कुचला जा रहा है। समाजवादी पार्टी गांव वालों के साथ खड़ी है और बिना उनकी सहमति के एक इंच जमीन भी नहीं जाने दी जाएगी।” 
 

गांव की पुश्तैनी जमीन बचाने के आंदोलन को मिलेगा समाजवादी पार्टी का साथ

अखिलेश यादव से मिला गांव का एक प्रतिनिधि मंडल

गांव वाले बोले- हम अहिंसक तरीके से विरोध करेंगे

चंदौली जनपद के मुगलसराय तहसील अंतर्गत मिल्कीपुर, ताहिरपुर, रसूलागंज और छोटा मिर्जापुर गांवों में प्रस्तावित बंदरगाह और फ्रंट विलेज परियोजना को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश और चिंता का माहौल है। गांववासियों की पुश्तैनी जमीनों के जबरन अधिग्रहण के विरोध में स्थानीय निवासियों द्वारा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर अपनी पीड़ा साझा की गई।

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दिनांक 23 जून को मिल्कीपुर निवासी ईशान मिल्की ने लखनऊ में अखिलेश यादव से मिलकर पूरे मामले की जानकारी दी थी, जिस पर तत्परता दिखाते हुए अखिलेश यादव ने 28 जून को गांव से आए एक प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की और पूरे मामले को प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से राजधानी लखनऊ के नागरिकों तक पहुंचाया। इस दौरान उन्होंने सरकार की नीयत और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए।

प्रतिनिधिमंडल द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में मांग की गई है कि बंदरगाह परियोजना के नाम पर गांवों की पुश्तैनी जमीनों को अधिग्रहण से मुक्त रखा जाए। ज्ञापन पर ईशान मिल्की, नफीस अहमद, विनय मौर्य, वीरेन्द्र कुमार साहनी, आस मोहम्मद, अखिलेश सिंह, चंद्र प्रकाश मौर्य, डब्लू साहनी, सुरेश कुमार और अरविन्द कुमार सिंह के हस्ताक्षर हैं।

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स्थानीय शिक्षक विद्याधर ने कहा कि “हम अहिंसक तरीके से विरोध करेंगे, मारेंगे नहीं पर मानेंगे भी नहीं।” उन्होंने कहा कि प्रशासन का बुलडोजर लेकर गांव में आना डराने और दबाव बनाने की नीति है। गौरतलब है कि 20 मई को उपजिलाधिकारी मुगलसराय भारी पुलिस बल और तीन बुलडोजर लेकर गांव पहुंचे थे, जिसका स्थानीय लोगों ने शांतिपूर्ण विरोध किया था।

ज्ञापन में बताया गया कि क्षेत्र की 70 प्रतिशत आबादी माझी समाज से है, जो पीढ़ियों से गंगा के किनारे नाव चलाकर और मछली पकड़कर आजीविका चलाते हैं। भूमि अधिग्रहण से उनका अस्तित्व और जीविका दोनों खतरे में पड़ जाएंगे।

 अखिलेश यादव ने इस मौके पर कहा, “यह सरकार गरीबों की जमीन हड़पने में लगी है। लोकतंत्र और संविधान को कुचला जा रहा है। समाजवादी पार्टी गांव वालों के साथ खड़ी है और बिना उनकी सहमति के एक इंच जमीन भी नहीं जाने दी जाएगी।” 

उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जल्द ही एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल गांव का दौरा करेगा और विधानसभा में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाएगा। समाजवादी पार्टी के इस जनसरोकारपूर्ण रुख से ग्रामीणों में आशा और विश्वास की किरण जगी है। यह मामला अब केवल जमीन का नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा का बन गया है।

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