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भीड़ के चलते संघमित्रा एक्सप्रेस में नहीं चढ़ सकीं महिलाएं, कई घंटे तक स्टेशन पर चला हंगामा

जिसके लिए स्टेशन पर ढाई घंटा देरी से पहुंची। ट्रेन में काफी भीड़ थी। प्लेटफॉर्म संख्या तीन पर पहुंची इस ट्रेन में सीट कंफर्म होने के बाद भी भीड़ और धक्का-मुक्की वजह से महिलाएं कोच में सवार नहीं हो पायीं और ट्रेन स्टेशन से रवाना हो गई।
 

आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले की महिलाओं की छूटी थी ट्रेन

आई हेल्प यू के कंट्रोल रूम के लोग बने थे बंधक

अगले दिन दूसरी ट्रेन में दी गयी कंफर्म बर्थ तब जाकर मानीं महिलाएं

 

चंदौली जिले के पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे जंक्शन पर दानापुर से बेंगलुरु को जा रही संघमित्रा एक्सप्रेस में अत्यधिक भीड़ होने के कारण बुधवार की रात में 26 महिला यात्रियों कोच में नहीं चढ़ पायीं और ट्रेन पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे जंक्शन से चली गई। इसके बाद नाराज महिला यात्रियों ने प्लेटफार्म संख्या 1 और 2 पर स्थित आई हेल्प यू के कंट्रोल रूम में पहुंचकर वहां मौजूद कर्मचारियों को बंधक बनाकर जमकर हंगामा किया। बाद में रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के समझाने बुझाने के बाद 9 घंटे बाद इन कर्मियों को तब रिहा किया जब अधिकारियों ने सभी महिलाओं को अगले दिन संघमित्रा एक्सप्रेस में रिजर्व टिकट कराया।

 

 बताया जा रहा है कि दक्षिण भारत से काशी दर्शन के लिए पर्यटकों का एक दल आया था। इसी दल में 26 महिलाएं आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले से आई हुई थीं। वह दर्शन के बाद वापस जाने के लिए संघमित्रा एक्सप्रेस में बुधवार की रात रवाना होना चाहती थीं। जिसके लिए स्टेशन पर ढाई घंटा देरी से पहुंची। ट्रेन में काफी भीड़ थी। प्लेटफॉर्म संख्या तीन पर पहुंची इस ट्रेन में सीट कंफर्म होने के बाद भी भीड़ और धक्का-मुक्की वजह से महिलाएं कोच में सवार नहीं हो पायीं और ट्रेन स्टेशन से रवाना हो गई।

Sanghmitra Express

कहा जा रहा है कि इस दौरान आंध्र प्रदेश की ये महिलाएं चीखतीं और चिल्लाती रहीं लेकिन रेलवे के किसी भी स्टाफ में उनकी कोई फरियाद नहीं सुनी। इसके बाद नाराज महिलाएं प्लेटफार्म संख्या दो पर बनाए गए आई हेल्प यू के काउंटर पर पहुंचीं और उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों से जवाब मांगा। लेकिन जब उन्हें संतोषजनक उत्तर नहीं मिला तो वहां ड्यूटी पर तैनात संविदाकर्मी अनुपम और विकास कुमार को बंधक बना लिया।

Sanghmitra Express

इस दौरान परेशान कई महिलाओं की तबियत भी खराब होने लगी, तो उनके साथियों ने दवा व अन्य तरह की मदद करके उनको यात्रा के काबिल बनाया।

 इस दौरान सुबह 5:00 बजे जब कंट्रोल रूम के प्रभारी अश्वनी मिश्रा पहुंचे तो उन्हें भी महिलाओं ने कमरे में बंद कर दिया। धीरे-धीरे हंगामा बढ़ता देख रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी आरपीएफ के निरीक्षक संजीव कुमार सहित तमाम लोग वहां पहुंचे और यात्रियों को दूसरी ट्रेन से भेजने का आश्वासन दिया। इतना ही नहीं दूसरी ट्रेन में सभी महिलाओं को कंफर्म सीट देने की जानकारी दी गई तब जाकर महिलाएं शांत हुयीं।

 रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि जो महिलाएं संघमित्रा एक्सप्रेस में टिकट कंफर्म होने के बाद भी यात्रा करने से वंचित रह गई थीं, उन्हें अगले दिन दूसरी ट्रेन से भेजा जा रहा है। रेल अफसरों की मदद से मामले को सुलझा लिया गया है।

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