महानिदेशक के आदेश को दरकिनार करके टीचर NIC में अटैच, अब DM से कौन पूछे..?
जिलाधिकारी से नहीं पूछ पा रहे हैं बीएसए साहब
आखिर कब छोड़ेंगे उनका सहायक अध्यापक
लोकसभा चुनाव के बाद से स्कूल से गायब हैं मास्टर साहब
प्राथमिक विद्यालय भैंसोड़ा पर कार्यरत हैं सर्वेश नंदन त्रिपाठी
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में प्राथमिक विद्यालय भैंसौड़ा पर कार्यरत सहायक अध्यापक सर्वेश नंदन त्रिपाठी पिछले कई महीनों से विद्यालय से गायब हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान सर्वेश नंदन त्रिपाठी को एनआईसी (राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र) में अटैच किया गया था, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद भी वे स्कूल नहीं लौटे।
बताया जा रहा है कि चुनावी ड्यूटी के दौरान उन्हें जिलाधिकारी के आदेश पर एनआईसी में अटैच किया गया था, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद भी अधिकारियों ने उन्हें स्कूल वापस भेजने की प्रक्रिया में ढिलाई बरती है। इस बीच, सहायक अध्यापक अपने कार्यस्थल पर न जाकर पिकनिक स्थल पर और इधर-उधर घूमते हुए देखा जा रहा है। पूछने पर जिला मुख्यालय पर अटैच होना बताया जा रहा है।
दिलचस्प बात यह है कि वेतन उनके विद्यालय भैंसोड़ा से ही बनाया जा रहा है, लेकिन वे अपनी जिम्मेदारियों से पूरी तरह अनभिज्ञ दिख रहे हैं। सहायक अध्यापक की गैरमौजूदगी से न सिर्फ विद्यालय में शैक्षणिक कार्य ठप हो गया है, बल्कि समर कैंप और अन्य गतिविधियों में भी उनकी भागीदारी न होने से छात्रों के विकास पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है।
स्कूल के अन्य अध्यापकों और कर्मचारियों के साथ-साथ छात्रों के अभिभावकों में भी इस बात को लेकर गहरी नाराजगी है कि आखिर क्यों एक सहायक अध्यापक को चुनाव के बाद भी स्कूल वापस नहीं भेजा गया। जब इस बारे में खंड शिक्षा अधिकारी (एबीएसए) एस के सहाय से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर ही अध्यापक को अटैच किया गया था, सवाल अब यह उठता है कि महानिदेशक बेसिक शिक्षा का आदेश है कि किसी अध्यापक को किसी भी कार्यालय में अटैच नहीं किया जाएगा। ऐसे में यह प्रशासनिक लापरवाही का गंभीर मामला है, जहां एक शिक्षक अपने कर्तव्यों से विमुख होकर सरकारी प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहा है।
इस मामले को लेकर जिले में शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। छात्र, अभिभावक, और अन्य शिक्षक जल्द से जल्द इस स्थिति का समाधान चाहते हैं ताकि विद्यालय में शिक्षा का माहौल बहाल हो सके और छात्रों की पढ़ाई सामान्य ढंग से चल सके। अब देखना यह है कि शिक्षा विभाग इस मामले में कब और क्या कदम उठाता है।
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