खेतों में पराली जलाने वालों पर होगी कार्रवाई, सेटेलाइट के जरिए रखी जाएगी नजर

खेतों में धान की पराली जलाने पर एक्शन
चंदौली जिले में बनी है टीम
खेतों में आग लगाने वालों पर होगी कार्रवाई
जानिए किसको सरकार ने सौंपी है जिम्मेदारी
चंदौली जिले में खरीफ मौसम के फसल अवशेष को जलाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की रोकथाम के लिए जिले में सेटेलाइट के जरिए निगरानी की जाएगी। इसके अलावा ऐसा काम करने वालों पर कार्रवाई भी होगी। इसके लिए गांव स्तर पर बाकायदा टीमों का गठन करके कार्रवाई करने की योजना बनायी गयी है।

आपको बता दें कि जिला प्रशासन की तरफ से तहसील व ब्लाकवार टीम का गठन किया गया है। सचलदस्ता टीम प्रधानों व लेखपालों के माध्यम से पराली व अपशिष्ट जलाने की घटनाओं पर नजर रखेगी। यदि किसी भी किसान के खेत में फसल अवशेष जलते पाया गया तो जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए अर्थदंड निर्धारित किया गया है।
चंदौली जिला धान के कटोरे के रूप में पहचान रखता है। इस जिले में धान की फसल पक कर तैयार होने की कगार पर पहुंच गई है। संभवतः नवंबर माह के अंतिम सप्ताह के बाद ही अधिकांश खेतों में धान की फसल पकने की उम्मीद है। फसल पकने के बाद ही किसान कटाई और मड़ाई में जुटेंगे। फिलहाल जिला प्रशासन और कृषि विभाग की ओर से अभी से ही पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्णतया रोक लगाने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार उच्चतम न्यायालय एवं राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की तरफ से दिए गए निर्देश के क्रम में पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सेटेलाइट का सहारा लिया जाएगा। इसके अलावा ब्लाक और तहसील व न्याय पंचायतवार राजस्व व कृषि विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की टीम को नजर रखने के लिए सचल दस्ते के रूप में लगाया गया है। इसमें राजस्व व कृषि विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को नामित किया गया है।
फिलहाल उच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की तरफ से दिए गए निर्देश के क्रम में ग्राम पंचायतों में किसानों को पराली जलाने पर होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही पराली जलाने से निकलने वाली खतरनाक गैसों के बारे में भी आगाह किया जा रहा है। इसके अलावा किसानों को पराली इकठ्ठा कर गौशालाओं में दान करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
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