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SDM अनुपम मिश्रा की छापेमारी के बाद अब होगा एक्शन, रिपोर्ट पहुंची DM साहब के पास

एसडीएम ने इन अस्पतालों के आयुष्मान योजना के लाइसेंस की विस्तृत जांच करने और नियमानुसार कड़ी कार्रवाई करने के लिए अपनी विस्तृत रिपोर्ट जिलाधिकारी (DM) को प्रेषित कर दी है।
 

SDM की छापेमारी में निजी अस्पतालों की खुली पोल

चार निजी अस्पतालों में भारी अनियमितताएं और दुर्व्यवस्थाएं

आयुष्मान जांच के साथ कार्रवाई की रिपोर्ट DM को प्रेषित

चंदौली जिले के पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर (मुगलसराय) के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) अनुपम मिश्रा द्वारा 17 सितंबर को स्वास्थ्य विभाग के साथ की गई छापेमारी में चार निजी अस्पतालों में भारी अनियमितताएं और दुर्व्यवस्था पाई गई है। एसडीएम ने इन अस्पतालों के आयुष्मान योजना के लाइसेंस की विस्तृत जांच करने और नियमानुसार कड़ी कार्रवाई करने के लिए अपनी विस्तृत रिपोर्ट जिलाधिकारी (DM) को प्रेषित कर दी है।

किन अस्पतालों पर हुई छापेमारी और क्या मिली खामियां?
एसडीएम अनूपम मिश्रा ने मुगलसराय कस्बा और गोधना क्षेत्र के चार अस्पतालों पर औचक निरीक्षण किया था। छापेमारी में मुख्य रूप से नियमित डॉक्टर, प्रशिक्षित पैरा मेडिकल स्टाफ, बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन और साफ-सफाई की व्यवस्था में गंभीर खामियां मिलीं।

छापेमारी किए गए अस्पताल और उनमें पाई गई प्रमुख अनियमितताएं इस प्रकार हैं:

1. आयुष हेल्थ केयर हॉस्पिटल (आलू मिल):
कर्मचारी रोस्टर: अस्पताल में एक वृद्ध महिला चिकित्सक और पैरा मेडिकल स्टाफ मौजूद थे, लेकिन ये रोस्टर के अनुसार नहीं थे।

मरीज और आयुष्मान: अस्पताल में आईसीयू सहित कुल 18 मरीज भर्ती थे, जिनका आयुष्मान योजना के तहत उपचार चल रहा था।

कार्रवाई: एसडीएम ने रोस्टर के अनुसार स्टाफ की तैनाती की चेतावनी देते हुए, विशेष रूप से आयुष्मान योजना के लाइसेंस की पुनः जांच करने के लिए रिपोर्ट प्रेषित की है। यह एकमात्र अस्पताल था जहां निरीक्षण के दौरान बायोमेडिकल वेस्ट पाया गया।

2. रिया चाइल्ड केयर हॉस्पिटल (आलू मिल):
कर्मचारी: यहां केवल एक चिकित्सक उपलब्ध थे। सबसे गंभीर बात यह थी कि सभी पैरा मेडिकल स्टाफ अप्रशिक्षित (Untrained) पाए गए और किसी के पास मानक के अनुरूप डिग्री नहीं थी।

साफ-सफाई: अस्पताल में साफ-सफाई की व्यवस्था भी ठीक नहीं थी।

कार्रवाई: एसडीएम ने इस अस्पताल पर भी नियमानुसार कड़ी कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।

3. पुष्पा हॉस्पिटल (गोधना):
स्टाफ की अनुपस्थिति: निरीक्षण के दौरान कोई भी चिकित्सक या प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद नहीं था।

दुर्व्यवस्था: साफ-सफाई की व्यवस्था भी संतोषजनक नहीं थी।

कार्रवाई: उप जिलाधिकारी ने इस अस्पताल पर नियमानुसार कार्यवाही करते हुए इसके आयुष्मान लाइसेंस की जांच करने के लिए रिपोर्ट भेजी है।

4. केयर फैक्टर हॉस्पिटल (गोधना):
मरीज: यहां डॉक्टर तो उपलब्ध थे, लेकिन कोई मरीज भर्ती नहीं था।

बायोमेडिकल वेस्ट: आयुष हेल्थ केयर को छोड़कर, इस अस्पताल सहित तीन हॉस्पिटलों में बायोमेडिकल वेस्ट मौजूद नहीं था, जो नियमों का गंभीर उल्लंघन है।

आयुष्मान लाइसेंस और नियमों के उल्लंघन पर फोकस
एसडीएम अनूपम मिश्रा ने अपनी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि भले ही सभी हॉस्पिटलों का पंजीकरण (Registration) पाया गया, लेकिन ये अस्पताल स्वास्थ्य सेवाओं के मानकों, विशेषकर प्रशिक्षित स्टाफ, साफ-सफाई और बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन के मामले में बुरी तरह विफल रहे हैं।

उप जिलाधिकारी ने विशेष रूप से उन अस्पतालों के आयुष्मान योजना के लाइसेंस की जांच पर जोर दिया है, जहां आयुष्मान के मरीज भर्ती थे या जहां स्टाफ की कमी सबसे ज़्यादा थी। यह दर्शाता है कि प्रशासन अब केवल नियमों के उल्लंघन पर ही नहीं, बल्कि सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं के दुरुपयोग और मरीजों को दी जा रही गुणवत्ताहीन सेवा पर भी शिकंजा कसने की तैयारी में है। जिलाधिकारी द्वारा रिपोर्ट पर जल्द ही बड़ी कार्रवाई किए जाने की उम्मीद है।

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