कृषि बीज भंडार में भ्रष्टाचार का आरोप, ग्रामीणों ने किया हंगामा तो मौके पर जाकर SDM ने की जांच

ग्रामीणों ने बीज भंडार प्रभारी पर सरकारी धान बेचने का लगाया आरोप
पिकअप में लदा धान प्राइवेट राइस मिल में भेजे जाने का आरोप
ग्रामीणों ने गाड़ी रोकने पर बदसलूकी और धक्का-मुक्की का किया दावा
जांच टीम का गठन कराकर होगी मामले की जांच
चंदौली जिले के टांडाकला में गुरुवार को राजकीय कृषि बीज भंडार विसापुर में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब दर्जनों ग्रामीण वहां पहुंचकर प्रभारी पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सरकारी धान का बीज चोरी-छिपे एक निजी राइस मिल में बेचा जा रहा था।

ग्रामीणों के मुताबिक दोपहर में एक पिकअप वाहन में धान का बीज लादकर किसी प्राइवेट मिल में भेजा जा रहा था। जब उन्होंने गाड़ी रोकने और विरोध करने की कोशिश की तो उन्हें धक्का देकर हटाया गया। ग्रामीणों ने प्रभारी कुलदीप यादव पर सरकारी बीजों की कालाबाजारी का आरोप लगाते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं, बल्कि पिछले साल भी ऐसा ही किया गया था।

उधर बीज भंडार प्रभारी कुलदीप यादव ने आरोपों से इनकार करते हुए सफाई दी कि यह धान डिस्पोजल के लिए भेजा जा रहा था। उन्होंने बताया कि हर साल करीब 100–150 क्विंटल धान आता है लेकिन किसान सरकारी बीज कम खरीदते हैं। यहां का बीज किसानों को पसंद नहीं आता, जिससे बड़ी मात्रा में बीज बच जाता है। ऐसे बचे हुए बीज को 32 से 35 रुपये प्रति किलो की दर से बेचा जाता है, जिससे सरकारी राजस्व की भरपाई होती है। पिकअप चालक छोटेलाल ने भी स्वीकार किया कि वह धान सोनहुला गांव स्थित राइस मिल में ले जा रहा था।
घटना की जानकारी मिलते ही सकलडीहा एसडीएम कुंदन राज कपूर मौके पर पहुंचे और बीज भंडार का निरीक्षण किया। उन्होंने पिकअप में लदे धान की जांच की और रजिस्टर का अपने मोबाइल से फोटो लिया। पूछताछ के दौरान प्रभारी संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। एसडीएम ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है और एडीओ एग्रीकल्चर भी मौके पर पहुंचे।
एसडीएम कुंदन राज कपूर ने कहा, “सभी शिकायतों को गंभीरता से लेकर जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। इसके अलावा एक नियमित जांच टीम भी गठित की जाएगी जो हर दूसरे दिन बीज भंडार की निगरानी करेगी। यदि कोई भी कर्मचारी या व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
ग्रामीणों ने प्रशासन से दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में सरकारी संसाधनों की कालाबाजारी पर रोक लग सके और किसानों को उनका हक मिल सके।
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