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हमें चाहिए रिंग रोड पर सर्विस लेन, खेती करने के लिए अंडरपास भी जरूरी

किसानों का कहना है कि रिंग रोड बनने से पहले वे आसानी से खेतों तक पहुंच जाते थे, लेकिन अब उन्हें कई किलोमीटर लंबा चक्कर लगाना पड़ता है। इससे खेती-किसानी की लागत और कठिनाई दोनों बढ़ गई हैं।
 

इन गांवों में रिंग रोड पर नहीं बना अंडरपास-सर्विस रोड

शकूराबाद, सुल्तानीपुर और मवई कला के किसान परेशान

बिना रास्ते के खेती करने में हो रही परेशानी

किसान विरोध करने के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर

चंदौली जिले के मुग़ल सराय दुलहीपुर में चंदौली से वाराणसी को जोड़ने वाली रिंग रोड भले ही आम जनमानस के लिए सहूलियत लेकर आई हो, लेकिन स्थानीय किसानों के लिए यह मुसीबत बन गई है। 

कहा जा रहा है इससे कई गांवों के लोगों की खेती प्रभावित हो रही है। इस रोड से खासकर शकूराबाद, सुल्तानीपुर और मवई कला के ग्रामीणों को खेत तक पहुंचने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वजह साफ है—रिंग रोड पर न तो अंडरपास बनाया गया और न ही सर्विस रोड दी जा रही है। इसके लिए गांव के लोग कई बार अपनी गुहार लगा चुके हैं।

किसानों का कहना है कि रिंग रोड बनने से पहले वे आसानी से खेतों तक पहुंच जाते थे, लेकिन अब उन्हें कई किलोमीटर लंबा चक्कर लगाना पड़ता है। इससे खेती-किसानी की लागत और कठिनाई दोनों बढ़ गई हैं। नाराज ग्रामीणों और किसानों ने इसको लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया।

सड़क के किनारे है 900 एकड़ उपजाऊ जमीन 
गांव के लोगों का कहना है कि आसपास के 3 गांवों के करीब 900 एकड़ उपजाऊ जमीन के लिए अंडरपास और सर्विस रोड की मांग पहले ही की जा चुकी थी। किसानों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण के समय ही एनएचएआई और प्रशासन से इस सुविधा की मांग की गई थी। उस समय अधिकारियों ने निर्माण का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।

गंगा किनारे सर्विस रोड का वादा अधूरा
ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारियों ने एक विकल्प के रूप में गंगा तट के समानांतर सर्विस रोड बनाने का वादा किया था, जिससे किसान गंगा पार की जमीन तक ट्रैक्टर, ट्रॉली और हार्वेस्टर लेकर जा सकें। लेकिन यह योजना भी अब ठंडे बस्ते में चली गई है।

सांसद से लेकर मंत्री तक गुहार, फिर भी सुनवाई नहीं
किसानों ने इस मुद्दे को सांसद वीरेंद्र सिंह से लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी तक पहुंचाया, लेकिन समाधान अब तक नहीं निकला। किसानों का आरोप है कि अन्य जगहों पर सर्विस रोड और अंडरपास बनाए गए हैं, लेकिन उनके क्षेत्र के साथ भेदभाव किया गया है।

सुनिए गांव के किसानों की पीड़ा
रामविलास
: “रिंग रोड से पहले खेतों तक पहुंच आसान थी, अब अंडरपास नहीं होने से बहुत परेशानी है। बिना अंडरपास के खेती कैसे होगी।”

कपिल: “सांसद ने गडकरी से मिलकर समाधान का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। सांसद भी वादा करके भूल गए हैं। हमें अभी भी मदद की दरकार है।”

गुफरान: “900 एकड़ जमीन पर खेती करना कठिन हो गया है, प्रशासन सर्विस रोड बनवाए। बिना सर्विस लेन के खेती बंद हो सकती है। यहां के लोगों की और परेशानी बढ़ेगी।”

नियाजउद्दीन: “संसाधन न होने से खेती करना असंभव हो गया है। ऐसे में सड़क और परेशानी पैदा कर रही है।”

सदन: “शुरू से मांग के बावजूद आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। लोग थक हारकर बैठ जाया करते हैं।”

कलीम: “सरकार का रवैया हमारे क्षेत्र के प्रति उपेक्षात्मक है। इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों को ध्यान देना चाहिए।”

ग्रामीणों की ये है मांग
ग्रामीणों ने एक बार फिर से सरकार और प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द गंगा किनारे सर्विस रोड का निर्माण कराया जाए और रिंग रोड पर अंडरपास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि किसान आसानी से अपनी खेती कर सकें और जीवनयापन सुचारू रूप से चल सके।

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