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चंदौली में ख़ुफ़िया विभाग के दारोगा को पुलिस से जानमाल का खतरा, भ्रष्टाचार उजागर करने की मिल रही सजा

वहीं शिकायतकर्ता ने कहा कि इसकी शिकायत हमने अपने उच्चाधिकारियों से की, लेकिन कोई कार्यवाही अब तक नहीं हुई है। वहीं दूसरी तरफ जितने लोग इसमें गवाह बने हैं उनको दोषी बनाकर   उन सबका ही  ट्रांसफर कर दिया गया। 

 

जांच के नाम पर चलता है वसूली का खेल

भ्रष्टाचार  की जानकारी बाहर होने से मचा हड़कंप

LIU के उपनिरीक्षक ने अपने ही विभाग के खिलाफ खोला मोर्चा    

 

 जनपद चंदौली में प्रदेश सरकार की पारदर्शी और इमानदार नीति खोखली साबित होने लगी है, क्योंकि सरकार एक ओर जहां पासपोर्ट की प्रक्रिया  सरकार  दिन प्रतिदिन सरल बना रही है, लेकिन चन्दौली का LIU विभाग पासपोर्ट वेरिफिकेशन के नाम पर लोगों से पैसे ले रहा है और रिपोर्ट पैसे के दम पर लगा दे रहा है।

वैसे तो पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया में पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी होता है, जिसकी रिपोर्ट से ही पासपोर्ट बन पाता है। अगर किसी का कोई क्रिमिनल रेकॉर्ड नहीं रहता है, तो तो आसानी से वेरिफिकेशन करके रिपोर्ट आगे प्रेषित करने का नियम है, लेकिन वहां काम करने वाले शिकायतकर्ता रमेश चौबे के मुताबिक पासपोर्ट वेरिफिकेशन के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठे जाते हैं, जिसका वीडियो भी उन्होंने बनाया है।

SI Ramesh Chaubey

हालांकि जब इसका पता उनके इंस्पेक्टर अभितोष त्रिपाठी को पता चलता है जो कि खुद इस वसूली में शामिल हैं तो वीडियो डिलीट कराने के तमाम हथकंडे अपनाने लगे। इसमें सफ़ल न होने पर  पर वीडियो डिलीट करवाने बनारस घर तक चले गए हैं और काफ़ी दबाव भी बनाने की कोशिश करते रहे। 

वहीं शिकायतकर्ता ने कहा कि इसकी शिकायत हमने अपने उच्चाधिकारियों से की, लेकिन कोई कार्यवाही अब तक नहीं हुई है। वहीं दूसरी तरफ जितने लोग इसमें गवाह बने हैं उनको दोषी बनाकर   उन सबका ही  ट्रांसफर कर दिया गया। 

 शिकायत कर्ता ने कार्यवाही न होने से VRS जैसा कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है, क्योंकि इतनी शिकायतों के बाद भी दोषियों की जगह उन्हें ही पनिशमेंट के तौर पर ट्रांसफर दिया जा रहा है। साथ ही उनको अपनी जानमाल का भी डर सताने लगा है। शिकायतकर्ता ने कहा कि  इंस्पेक्टर अभितोष त्रिपाठी पर हत्या के मुकदमे दर्ज हैं और वह जेल भी जा चुके हैं। ऐसे में उनसे उसको जान का खतरा है। इसीलिए वह नौकरी से सेवानिवृत्ति चाहता है।

इस संबंध में चंदौली में तैनात यह लाइव प्रभारी निरीक्षक से इस मामले की जानकारी दी गई तो उन्होंने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया और कहा कि उच्च अधिकारी द्वारा मामले की जांच की जा रही है।

एसपी चंदौली अंकुर अग्रवाल कहना है कि यह मामला चंदौली जिले का नहीं है। एलआईयू के लोग हमारे यहां केवल रिपोर्टिंग करते हैं। मामले की जांच करके रिपोर्ट  वाराणसी में एसपीआर वाराणसी रिपोर्ट भेज दी जिसकी जांच उनके द्वारा की जा रही है।

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